HIGHLIGHTS
- निर्मली थाना का शर्मनाक कारनामा!
- गंभीर आरोप के बावजूद आरोपी रिहा
- सुशासन बाबू के राज में बेटियां असुरक्षित!
Supaul, News Desk: ये बिहार है भाई, यहां दिन दहाड़े गोलियां चलनी, हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार आम बात है। यहां सरे राह लड़कियों की इज्जत पर बीच बाजार में, दिन के उजाले में हाथ डाला जाता है। उसे जबरन उठाकर उसके साथ हैवानियत की घटना को अंजाम देने की हरकत होती है। उसके सीने पर वार किया जाता है। उसके कपड़े फाड़ दिए जाते हैं। गाली गलौज होता है। फिर भी सु-शासन का राज है। नीतीश कुमार का शासन है। सॉरी एनडीए का राज है। भाजपा इसमें बड़ी भूमिका में है। ये वही भाजपा है जो अभी अंग्रेजों की बनाई हुई कानून व्यवस्था को हटाकर मजबूत कानून व्यवस्था लेकर आई है। इस पर भी बात करेंगे लेकिन उससे पहले आपको जरा बताते हैं कि आखिर मामला क्या है?
बिहार में अपराधियों की बहार है, नीतीश कुमार हैं
दरअसल दिन था, गुरुवार,तारीख 4 जुलाई 2024, शाम के तकरीबन साढ़े 6 बजे थे। एक लड़की सोनी कुमारी ( पीड़िता का बदला हुआ नाम), उम्र-22 वर्ष, निर्मली (सुपौल) बाजार में अपने घर के लिए समान लाने जाती है तभी पहले से घात लगाए मिथुन महाजन नाम का एक लड़का पहले तो पीड़िता के साथ गाली गलौज करता है और फिर जबरन उसका बाल पकड़ कर घसीटते हुए वो अपने घर ले जाकर उसके साथ छेड़खानी और गलत हरकत करने लगता है। इतना ही नहीं लड़की के सीने पर भी अपने मुक्का से प्रहार करता है। इस दौरान वो पीड़िता का कपड़ा भी फाड़ देता है। लड़की को वह दरिंदा अर्धनग्न अवस्था में कर देता है। साथ ही उसके सोने की गले का चेन भी छिन लेता है। अब ये पहली घटना नहीं है इससे पहले भी मिथुन महाजन गाली गलौज व जान से मारने की धमकी एवं अन्य शर्मनाक हरकत कर चुका है।
निर्मली थाना का कारनामा
ये तो रही घटना की सपाट जानकारी। अब इसके बाद बारी आती है बिहार पुलिस यानी सुपौल पुलिस के निर्मली थाने की गैर जिम्मेदाराना या बेहुदकी या एक तरफा कार्रवाई की। इस पूरे मामले में आरोपी पर नर्मली थाना ने जो धारा लगाई है वो बेहद ही हल्की व पक्षपातपूर्ण दिखती है। अब ऐसा थाने ने किसके दबाव में आकर किया ये तो जांच का विषय है। क्योंकि जो लिखित आवेदन पीड़िता ने थाने में दर्ज किया है वो बेहद ही गंभीर है। और मजे की बात ये भी है कि इस घटना के दौरान मौके पर पुलिस की टीम 112 भी पहुंचती है। आवेदन में गवाह भी हैं। लेकिन आरोपी को देर रात थाने से ही जमानत दे दी जाती है। वो इसलिए क्योंकि जो धारा आरोपी पर लगाई गई है वो साधारण है। जबकि उसकी हरकत थाने से तो जमानती धारा के अंतर्गत नहीं ही आती है। पुलिस की लापरवाही कहें या किसी का दबाव या फिर पैसे की खनक। जांच का विषय है। अब जरा पीड़िता के आवेदन की कॉपी देख लीजिए।
संदेह के घेर में पुलिस की कार्रवाई !
एक बात समझ से परे है कि जब पीड़िता अपने लिखित आवेदन में कह रही है कि इसके साथ मारपीट की गई है इसके इज्जत पर हाथ डाला गया है तो फिर पुलिस ने क्यों नहीं उसकी मेडिकल जांच करवाई? क्या कोई आईओ मारपीट की गंभीरता को बिना मेडिकल जांच करवाए किसी को जमानत दे सकता है? वो भी तब जब सब कुछ आइने की तरह साफ दिख रहा है।
अब आते हैं एक जुलाई से तीन आपराधिक क़ानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता पर जो अब पूरे भारत में लागू हो गया है। जिसमें स्पष्ट लिखा है कि इस तरह के गंभीर मामले में वो जब अपराध किसी महिला के साथ हुआ हो उसमें उपरी तौर पर थाने से आरोपी को बिना जांच किए छोड़ा नहीं जा सकता है।
दरअसल आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और समान्यीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ये घटना स्थल बिहार में पड़ता है जहां आप पिछले 12 साल से अल्टी-पलटी मारते हुए तथाकथीत सुशासन बाबू या आपकी भाषा में ही कहें तो पलटूराम श्रीमान नीतीश कुमार जी से मिलकर सत्ता की मलाई चाभ रहे हैं। बिहार और बिहार की जनता जाए भांड़ में। आप बिहार की जनता को बताई की क्या यह भी मणीपुर की तरह आपके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता? क्या आप चाहते हैं कि यहां की बेटी-बहनों को भी बीच बाजार नंगा करके परेड करवा जाए। आप और आपकी सरकार व सुपौल पुलिस या यो कहें बिहार पुलिस की ये अक्षम्य अपराध तो इसी ओर इशारा कर रहा है?
दरअसल एक तो पीड़िता के साथ आरोपी अपराध करता ही है दूसरा जो कानूनी बलात्कार आपकी पुलिस करती है वो तो गंभीर धारा के तहत आता है? अब ऐसा नहीं है कि ये निर्मली में एक लड़की के साथ हो रहा है इस तरह की घटना हर दिन बिहार के कोने-कोने में घट रही है। क्योंकि निर्मली की इस घटना ने तो साबित कर दिया है कि अपराध पुलिस पोषित हो रहे हैं! ये बात 13 करोड़ किसी भी बिहारी से पूछ लीजिए वो यही बोलेगा। जागइए नीतीश बाबू और पीएम मोदी साहब और इस तरह के पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई कर एक नजीर पेश कीजिए वरना यहां हर दिन बहन बेटियां लूटती रहेगी और आप चैन की बंसी बजाते रहेंगे।