SPOT TV | Best News Channel

Sptlogo
July 17, 2025 5:31 am
Download
Header Banner
Search
Close this search box.
प्रभारी निरीक्षक की पुलिसकर्मियों संग पहली मीटिंग, दिए बड़ा संदेश, बोले– महिलाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता, गश्त बढ़ाने को दिए निर्देश-विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब बिहार में होगा युवा आयोग का गठन।-विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब बिहार में होगा युवा आयोग का गठन।-विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब बिहार में होगा युवा आयोग का गठन।-विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब बिहार में होगा युवा आयोग का गठन।-विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब बिहार में होगा युवा आयोग का गठन।-पुराने कपड़े लाओ और नए ले जाओ!, जानिए कहां मिल रहा है ये ऑफर।-पुराने कपड़े लाओ और नए ले जाओ!, जानिए कहां मिल रहा है ये ऑफर।-पुराने कपड़े लाओ और नए ले जाओ!, जानिए कहां मिल रहा है ये ऑफर।-एसडीएम एवं तहसीलदार की निगरानी में निकला मोहर्रम का जुलूस, प्रशासनिक व्यवस्था चाक-चौबंद

Nitish सरकार को पटना HC ने दिया झटका, आरक्षण का दायरा 65 फीसदी समाप्त।

Share This News

Patna Highcourt And Nitish Kumar 1683192698

Patna, News Desk: नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट ने जोरदार झटका दिया है। अब EBC, SC और ST के लिए 65 फीसदी आरक्षण की सीमा को समाप्त कर दिया है। माननीय पटना उच्च न्यायालय ने बिहार आरक्षण को लेकर कानून को रद्द कर दिया है। बिहार सरकार ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया गया था। जिसे पटना हाई कोर्ट ने खत्म कर दिया है।

इस मामलें में गौरव कुमार व अन्य के दायर याचिकाओं पर पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की। हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला 11 मार्च, 2024 को सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज गुरूवार को सुनाया गया।

आपको बता दें कि चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ गौरव कुमार व अन्य  याचिकाओं पर लंबी सुनवाई की थी। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने बहस की। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने ये आरक्षण इन वर्गों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण दिया था। राज्य सरकार ने ये आरक्षण अनुपातिक आधार पर नहीं दिया था।

बिहार सरकार को दी चुनौती

इन तमाम याचिकाओं में राज्य सरकार के 9 नवंबर, 2023 को पारित कानून को चुनौती दी गई थी। इसमें एससी, एसटी, ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण दिया गया था, जबकि सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मात्र 35 फीसद ही पदों पर सरकारी सेवा दी जा सकती है।

10 फीसद आरक्षण रद्द करना भारतीय संविधान के विरुद्ध

अधिवक्ता दीनू कुमार ने पिछली सुनवाईयों में कोर्ट को बताया था  कि सामान्य वर्ग में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसद आरक्षण रद्द करना भारतीय संविधान की धारा 14 और धारा 15(6)(b) के विरुद्ध है। उन्होंने बताया था कि जातिगत सर्वेक्षण के बाद जातियों के अनुपातिक आधार पर आरक्षण का ये निर्णय लिया लिया गया है, न कि सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर ये निर्णय लिया गया है।

नीतीश सरकार झटका

आगे उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा स्वाहनी मामलें में  आरक्षण की सीमा पर 50 प्रतिशत का प्रतिबंध लगाया था। जातिगत सर्वेक्षण का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के फिलहाल लंबित है। इसमें ये सुप्रीम कोर्ट में इस आधार पर राज्य सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गई, जिसमें राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में  आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ा कर 65 फीसदी कर दिया था। इससे राज्य सरकार को इन वर्गों के लिए आरक्षण को सीमा पचास फीसद से बढ़ा कर 65 फीसद किए जाने के निर्णय को पटना हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। अब देखना है कि इस फैसले के खिलाफ बिहार सरकार का क्या रुख रहता है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories updates

प्रभारी निरीक्षक की पुलिसकर्मियों संग पहली मीटिंग, दिए बड़ा

कोतवाली की कमान संभालते ही सख्त हुए नए प्रभारी निरीक्षक प्रेमेंद्र सिंह.

विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा फैसला,

Patna: विधानसभा चुनाव नजदीक आता देख बिहार की नीतीश सरकार रोज नये.

पुराने कपड़े लाओ और नए ले जाओ!, जानिए कहां

Fashion Factory Exchange Festival: आ गया, आ गया,आ गया… मार्केट में नया.