HIGHLIGHTS
- कौन हैं IAS पूजा खेडकरय़?
- खुद के नाम है 17 करोड़ की संपत्ति।
- मां सरपंच, पिता रिटायर्ड अफसर।
- UPSC की परीक्षा में 841वीं रैंक था।
Mumbai, News Desk: Maharashtra की ट्रेनी IAS ऑफिसर Pooja Khedkar आजकल काफी चर्चा में हैं। फिलहाल उनका ट्रांसफर कर दिया गया है। पूजा को वाशिम जिले का असिस्टेंट कलेक्टर बनाया गया है। पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने मुख्य सचिव को लेटर लिखा था, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है। आइए आपको बताते हैं पूजा के चर्चा में रहने और उन पर इस कार्रवाई की वजह क्या है?
क्यों है चर्चा में पूजा खेडकर?
आपको बता दें कि आज दो दिनों के बाद IAS पूजा खेडकर ने वाशिम जिले में पहुंचकर ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। दरअसल पुणे में स्वतंत्र कार्यालय की मांग करने वाली पूजा खेडकर को वाशिम जिला अधिकारी कार्यालय में अलग से केबिन दिया जाएगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने UPSC एग्जाम साल 2021 में क्लियर किया था।
खुद के नाम है 17 करोड़ की संपत्ति
पूजा खेडकर के पैरेंट्स के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जोकि कृषि भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है। इसके अलावा छह दुकानें, सात फ्लैट (एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की सोने की घड़ी, चार कार हैं। इसके साथ ही दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी है। खुद IAS पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
UPSC की परीक्षा में 841वीं रैंक था
पूजा खेडकर ने UPSC की परीक्षा में 841वीं रैंक प्राप्त किया था। पूजा की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं। पूजा के परिवार में उनके पिता और दादा दोनों प्रशासनिक सेवा में रहे हैं। उनके पिता तो पुणे में सहायक कलेक्टर भी रहे।
अब पूजा खेडकर वाशिम में ड्यूटी ज्वाइन कर चुकी हैं। पुणे में वे वीआईपी नंबर प्लेट वाली ऑडी पर लाल और नीली बत्ती लगाकर घूमती थीं। वे सरकारी दफ्तर में खुद की ऑडी कार लेकर आती थीं। उनकी लग्जरी कार पर सरकारी प्लेट और लाल बत्ती लगी थी।
IAS पूजा की है कई मांग
आईएएस पूजा ने कलेक्टर को वॉट्सएप मैसेज कर अपने लिए अलग से बैठने की व्यवस्था, कार, आवास और कॉन्स्टेबल की मांग की थी। सरकारी दफ्तर में खुद की लग्जरी ऑडी लेकर आने वाली पूजा ने कार पर महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड लगाया था।
पूजा ने पुणे में प्रोबेशनरी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर ज्वाइनिंग की थी। उनकी वीआईपी डिमांड को लेकर कलेक्टर सुहास दिवसे ने उनके खिलाफ कार्रवाई की. इसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया।
पूजा खेडकर के सीनियर मुंबई गए तो पूजा ने सीनियर के चेंबर पर कब्जा कर लिया। वहां अपने नाम का बोर्ड लगा दिया, साथ ही सीनियर्स के चैंबर का सामान बाहर निकालकर रख दिया।
पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे ने इस व्यवहार के संबंध में अपर मुख्य सचिव मंत्रालय को रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 18 से 20 जून 2024 की अवधि में जब अपर कलेक्टर मंत्रालय में आए तो पूजा खेडकर ने अपर कलेक्टर की पूर्व सहमति के बिना कुर्सियां सोफा, टेबल, सहित सभी सामग्री बाहर निकाल ली। इसके बाद राजस्व सहायक को बुलाकर उनके नाम का लेटर हेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, राष्ट्रीय ध्वज, नेमप्लेट, शाही मुहर, इंटरकॉम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
पूजा ने दृष्टिबाधित श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा पास की है
पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा पास की है और मानसिक बीमारी होने का प्रमाण पत्र पेश किया है। पूजा को इस आधार पर विशेष रियायत मिली और वे आईएएस बन गईं। अगर उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके प्राप्त अंकों को देखते हुए उनका आईएएस बनना असंभव था।
छह बार मेडिकल जांच में शामिल होने से किया इनकार
जब पूजा खेडकर को आईएएस का पद मिला तो यूपीएससी ने उनकी मेडिकल जांच कराने का फैसला किया। पूजा ने छह बार मेडिकल जांच में शामिल होने से इनकार किया। सबसे पहले 22 अप्रैल 2022 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनकी मेडिकल जांच कराने का फैसला किया गया, लेकिन उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का कारण बताते हुए जाने से इनकार कर दिया।
इसके बाद 26 मई 2022 को एम्स अस्पताल और 27 मई 2022 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कई बार बुलाए जाने के बावजूद पूजा जांच के लिए नहीं गईं। इसके बाद 1 जुलाई को पूजा को फिर एम्स बुलाया गया, लेकिन वे नहीं गईं। 26 अगस्त 2022 को पूजा खेडकर एम्स अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए तैयार हुईं, वहां उन्हें 2 सितंबर को एमआरआई जांच के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया। इस दिन पूजा खेडकर की जांच न्यूरो-ऑप्थमोलॉजिस्ट की मौजूदगी में होनी थी कि दोनों आंखों की रोशनी जाने का क्या कारण है।
एम्स के ड्यूटी ऑफिसर ने कई बार बुलाया, लेकिन पूजा एमआरआई कराने नहीं गईं। यूपीएससी ने इस पर आपत्ति जताई और पूजा खेडकर के चयन को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कैट में चुनौती दी।
इसके बाद 23 फरवरी 2023 को कैट ने पूजा खेडकर के खिलाफ फैसला सुनाया, लेकिन उसके बाद क्या हुआ कि पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत एमआरआई प्रमाण पत्र को स्वीकार कर लिया गया और उनकी नियुक्ति को वैध कर दिया गया। उन्हें आईएएस का दर्जा दे दिया गया, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है।
पूजा ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी से आईएएस बनीं
पूजा खेडकर ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर श्रेणी से आईएएस अधिकारी बनीं। उनके पिता के चुनावी हलफनामे में उनकी आय और संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई गई है। ऐसी आय नॉन-क्रीमी लेयर में कैसे आ सकती है? उन्होंने कई बार मेडिकल टेस्ट छोड़ दिए हैं।
कांग्रेस और एनसीपी ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के मामले में कहा कि सिलेक्शन में ही गड़बड़ी हुई है। एजेंसी में ही गड़बड़ है। पहले सही से जांच होनी चाहिए थी। उन्होंने गलत सर्टीफिकेट दिया। वो गलत फायदा उठा रही थीं। वो ऑडी गाड़ी चला रही थीं। उनके पास करोड़ों की प्रॉपर्टी है. जांच होनी चाहिए। एनसीपी नेता जितेन्द्र अव्हाड ने कहा कि पता नहीं क्या गड़बड़ है। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए स्टूडेंट्स सालों से पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन अगर इस तरह की गड़बड़ियां होंगी तो हम एक दयनीय स्थिति में पहुंच जाएंगे।