SPOT TV | Best News Channel

Sptlogo
November 22, 2024 5:07 am
Download
Header Banner
Search
Close this search box.
66 बिसवा पोखरी पर मंडी समिति का अतिक्रमण, तहसील प्रशासन मौन-तमसा तट पर चित्रकला और रंगोली में कई स्कूलों के छात्रों ने बिखेरे जलवा,  विजेता को अंगवस्त्रम, पेन, घड़ी और प्रमाण-पत्र से हुए सम्मानित- 4 व 5 दिसंबर को होगी फुटबॉल प्रतियोगिता - डॉ शाश्वतानंद पांडे-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-एसडीएम ने कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले व घाट का किया निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देश

Buxar में बजेगा मिथिलेश तिवारी का डंका!, BJP के लिए बहुत महत्वपूर्ण है श्री राम की ज्ञानस्थली।

Share This News

Screenshot 2024 03 27 165150

नई दिल्ली,आर.कुमार: 1990 का दौर था। बिहार में लालू राज कायम था। हर तरफ लूट,मार,अपहरण और गुंडागर्दी चरम में पर था। उस वक्त सूबे में राजनीति करना आसान नहीं था, वो भी एक साधारण परिवार से आये हुए लड़के का। लेकिन कहते हैं ना अगर आपके अंदर कुछ करने की ललक हो और हिम्मत हो तो ईश्वर भी आपका साथ देता है। कुछ ऐसा ही हुआ वर्तमान में बक्सर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी के साथ। वो शुरुआती दिनों में हाथों में तख्तियां लिए पटना की सड़कों पर संघर्ष करते नजर आते थे। उनका पसंदीदा नारा था- हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है। कार्यक्रम छोटा हो या बड़ा पार्टी ने जो कार्य सौंपा उसे पूरी तन्मयता के साथ करते नजर आए। ना किसी से गिला ना किसी से शिकायत।

पार्टी मां के समान है और जनता मालिक

मिथिलेश तिवारी के लिए भारतीय जनता पार्टी मां के समान है। वो अक्सर कहते हैं कि मैंने बहुत कुछ सीखा है यहां। यहां आपको राजनीति नहीं संस्कार सिखाये जाते हैं। हमलोग पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं। पार्टी ने जब भी जैसा भी दायित्व दिया निभाया हूं। मेरा तो मानना है कि जनता मालिक है। हमें उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। उसका हर आदेश सर आंखों पर है। आज भी आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, गृह मंत्री अमित शाह जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी व प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जी ने जो भरोसा मुझपर जताया है उस पर हर हाल में खरा उतरने का प्रयास करुंगा।  मिथिलेश तिवारी को बक्सर लोकसभा सीट से अश्विनी चौबे की जगह टिकट दिया गया है।

मिथिलेश तिवारी का संक्षिप्त परिचय

29 दिसंबर, 1971 को मिथिलेश तिवारी का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले में डुमरिया गांव में हुआ है। मिथिलेश तिवारी के पिताजी का नाम स्व. देवनारायण तिवारी है। मिथिलेश तिवारी ने अर्थशास्त्र से ऑनर्स किया है और आर्थिक मामलों के जानकार भी माने जाते हैं। उनकी पत्नी का नाम सविता देवी है। मिथिलेश तिवारी को एक पुत्र और एक पुत्री है।

बैकुंठपुर से रहे हैं विधायक

मिथिलेश तिवारी 2015 के चुनाव में बैकुंठपुर से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। उन्होंने बिहार भाजपा में कई पदों पर वर्षों तक काम किया है। संगठन के साथ उन्हें क्षेत्र का भी अनुभव है। आप उनसे जब भी बात करेंगे तो वो आपको अक्सर क्षेत्र में जनता के बीच में ही मिलेंगे। वो पार्टी कार्यालय में कम लेकिन जनता के बीच ज्यादा दिखेंगे। पार्टी ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी युवा मोर्चा दिल्ली, प्रदेश प्रभारी। प्रदेश मंत्री बीजेपी बिहार के पद पर भी बैठाया। उन्होंने बीजेपी क्रीड़ा मंच में प्रदेश मंत्री का प्रभार भी संभाला है। उन्होंने प्रदेश स्तर पर उपाध्यक्ष और महामंत्री के रूप में भी काम किया है। वो बिहार सरकार में कला संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ विदेश यात्रा भी कर चुके हैं। वे मारीशस गए थे।

मृदुभाषी और मिलनसार हैं

मिथिलेश तिवारी को भाजपा ने बक्सर से अश्विनी चौबे का टिकट काटकर अपना उम्मीदवार बनाया है। यह सीट ब्राह्मण बहुल सीट मानी जाती है। हालांकि वर्तमान में जो राजनीतिक परिस्थितियां है उसमें मिथिलेश तिवारी को बहुत ज्यादा संघर्ष का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि तिवारी पहले भी इस क्षेत्र से परिचित रहे हैं। बक्सर में वो कई चुनाव में पहले भी पार्टी कार्यकर्ता के रुप में काम कर चुके हैं। जहां तक अश्विनी चौबे के द्वारा किये वादे को नहीं पूरा करने के कारण कुछ नाराजगी का सामना उन्हें करना पड़ सकता है। हालांकि मिथिलेश तिवारी के पास चुनावी और सियासी व संगठनात्मक समझ है। साथ ही उनका मृदुभाषी,व्यवहारिक,मिलनसार स्वभाव, और बुनियादी समझ का धनी होना उन्हें लोकप्रिय बनाता है। एक बात उनमें ये भी है कि वो किसी का भी फोन हो जरुर उठाते हैं। अगर कहीं व्यस्त हों तो फिर उनका कॉल बैक जरुर आता है। खैर अब चुनौती बड़ी है और चुनाव भी बड़ा है, ऐसे में बक्सर की जनता को तय करना है कि उन्हें कैसा प्रतिनिधि चाहिए।

Aaaaa

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories updates

66 बिसवा पोखरी पर मंडी समिति का अतिक्रमण, तहसील

जुलाई में जिलाधिकारी को दिया गया था शिकायती पत्र तहसील दिवस पर.

तमसा तट पर चित्रकला और रंगोली में कई स्कूलों

रोटरी क्लब मऊ एवं पर्यावरण विद शैलेंद्र कुमार के प्रयास से हुई.

 4 व 5 दिसंबर को होगी फुटबॉल प्रतियोगिता –

विक्ट्री इंटर कॉलेज में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता व फुटबॉल प्रतियोगिता को लेकर.