नई दिल्ली: ये मोदी युग का भारत है। आज की तारीख में भारत से पंगा लेना किसी भी देश को भारी पड़ सकता है। ताजा मामला तुर्की का है। भारत ने पाकिस्तान और मालदीव की मुइज्जू सरकार के सुर में सुर मिला रहे तुर्की को कड़ा सबक सिखाया है। भारत ने 22 हजार करोड़ के नौसैनिक युद्धपोतों की डील से तुर्की की कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
तुर्की की कंपनियों से सभी ठेके रद
देश के रक्षा मंत्रालय ने घरेलू शिप बिल्डिंग कंपनियों को आगे बढ़ाने के लिए तुर्की की कंपनियों से सभी ठेके रद करके हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को दे दिया है। इस डील के तहत 5 फ्लीट सर्पोट शिप बनाया जाना है। विशाखापत्तनम में पहले शिप की स्टील कटिंग सेरेमनी भी संपन्न हो गई। भारत ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब हाल के दिनों तुर्की ने भारत के खिलाफ कई विरोधी कदम उठाए हैं।
तुर्की को भारी पड़ा ये सौदा
अब तक पाकिस्तान को ड्रोन और मिसाइलें देने वाले तुर्की ने अब मालदीव को भी टीबी-2 किलर ड्रोन दिया है जहां की मुइज्जू सरकार इन दिनों भारत के खिलाफ जहर उगल रही है। इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने कश्मीर मामले को कई बार संयुक्त राष्ट्र के मंच पर उठाया है। यही नहीं पाकिस्तान के इशारे पर अक्सर तुर्की भारत के खिलाफ बयान देते रहता है। 5 सपोर्ट शिप बनाने का यह ठेका हिंदुस्तान शिपयार्ड को अगस्त 2023 में दिया गया था और इसकी डिलीवरी भारतीय नौसेना को साल 2027 से शुरू हो जाएगी। इससे पहले तुर्की की कंपनियों की मदद से इन जहाजों को डिजाइन और बनाया जाना था लेकिन भारत ने विदेशी कंपनियों से किनारा कर लिया।