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March 12, 2025 7:35 pm
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स्वाती स्पेंटोज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक द्वारा SDM राजेश अग्रवाल सम्मानित -गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और आध्यात्म का महासंगम, देश के बड़े संतों का लगेगा जमावड़ा।-गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और आध्यात्म का महासंगम, देश के बड़े संतों का लगेगा जमावड़ा।-गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और आध्यात्म का महासंगम, देश के बड़े संतों का लगेगा जमावड़ा।-गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और आध्यात्म का महासंगम, देश के बड़े संतों का लगेगा जमावड़ा।-घोसी तहसीलदार के खिलाफ वकीलों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी-ऑल इंडिया जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय सचिव बने विवेक चौहान, राष्ट्रीय सचिव बनने पर बधाईयों का लगा तांता -घोसी तहसीलदार के भ्रष्ट रवैये से अधिवक्ता आहत, तहसील में चक्कर लगा कर किया विरोध प्रदर्शन-भूमाफिया द्वारा वकील की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश, पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर रुकवाया-शांति निकेतन इंटर कॉलेज में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण

भारत में आरक्षण का सुखद पहलू जिसका लाभ सभी खुलकर उठा रहें हैं- आदित्य पासवान

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Patna: बिहार प्रदेश कांग्रेस सेवादल यंग ब्रिगेड के अध्यक्ष Aditya Paswan ने देश में Reservation को लेकर अपने विचार प्रकट किए हैं। उन्होंने अपने लोंगो को संबोधित करते हुए कहा कि साथियों, आपको चावल , गेहूँ , नमक मिल गया और चपरासी , मास्टर , पटवारी , अधिकारी आदि में नौकरी लग जाये तो इसे “आरक्षण” न समझें ! दरअसल ये नहीं है। आरक्षण क्या है ये उदाहरणों से समझते हैं-

1. जब अपने स्कूल की क्रिकेट टीम में भी चयनित न होने वाले जय साह को सीधे BCCI के सचिव बनाते हैं – तो इसे कहते हैं आरक्षण !

2. जब बिना किसी परीक्षा और इंटरव्यू के सीधा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं रिस्तेदारी के कारण जज नियुक्त होते हैं – उसे कहते हैं आरक्षण !

3. जब तमाम स्कूल और कॉलेज खोलने वाले मैनेजर अपने रिस्तेदारों, बहू-बेटों बेटियों को, बिना किसी योग्यता और पात्रता के आधार पर और सरकारी अनुदान पर नियुक्त करा लेते हैं, तो इसे कहते हैं आरक्षण !

4. जब तमाम अकेडमिक परिक्षाएं पास करने तथा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी सिर्फ जाति के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है अर्थात ” नाट फाउंड सूटेबल ” अर्थात  कोई पद के योग्य नहीं मिला . ताकि आगे उन पदों पर अपने वर्ग के हितों के अनरूप नियुक्ति की जा सके तो उसे कहते हैं – आरक्षण !

5. जब केन्द्रीय मंत्री के पुत्र को बिना किसी प्रतियोगी परीक्षा के राज्य सरकार बड़े पद पर नियुक्त कर देती है तो इसे कहते हैं – आरक्षण !

6. जब राजनताओं के पुत्र और पुत्रियां को पहली बार सांसद अथवा विधायक बनने पर कैबिनेट मंत्रालय में अहम मंत्रालय सौंपा जाता है तो इसे कहते हैं- आरक्षण !

7. जब बिना IAS की परीक्षा पास किए किसी वर्ग-विशेष के  लोगों को सीधे  “संयुक्त-सचिव” बना दिया जाता है तो इसे कहते हैं – आरक्षण!

8. जब लॉकडाउन में भी मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री मंदिरों में जाते हैं या विवाह-पार्टी अटैंड करते हैं जबकि दूसरी तरफ मरीजों व मजदूरों को सड़क पर मुर्गा बनाकर पीटा जाता है तो इस विशेषाधिकार को कहते हैं- आरक्षण !

9. आज तक तीर-कमान भी न बनाने का अनुभव रखने वाली कम्पनी को सीधे #राफेल लड़ाकू विमान बनाने का ठेका दे दिया जाता है तो उसे कहते हैं- आरक्षण !

10. जब एक ही तरह के मुकदमे में यादव को जेल और मिश्रा को बेल (रिहाई) मिल जाती है  तो यहां दिखाई देता है वर्ग और जाति विशेष का- आरक्षण !

11. जब हजारों-करोड़ों रूपयों का कर्जा माफ और दस-बीस हज़ार रूपये के लिये कुर्की की जाती है तो उसे कहते हैं- आरक्षण !

12. प्राईमरी #स्कूल खोलने लायक भी इंफ्रास्ट्रक्चर न होने के बावज़ूद “कागज़ी जियो यूनिवर्सिटी” को 10,000 करोड़ रूपये मिलते हैं वो भी “सेंटर आफ एक्सीलेंस” बनाने के लिये तो इसे कहते हैं – आरक्षण !

13. जब #राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की भर्ती चन्द चुनिन्दा जातियों से की जाती है तो उसे कहते हैं – आरक्षण !

14. सारे मंदिरो के पुजारी एक वर्ग विशेष को बनाया जाता है तो उसे कहते है – आरक्षण !

15. शकंराचार्यो का पद एक विशेष जात वालो को ही मिलता है तो उसे कहते हैं – आरक्षण !

16. जब सेनाध्यक्षों की पूरी टोली एक वर्ग से आती है इसे कहते है – आरक्षण !

17. जब राम मंदिर ट्रस्ट में वर्ग विशेष को ही “ट्रस्टी” बनाया जाय तो उसे कहते है – आरक्षण !

18. जब पिछड़े वर्ग के बदमाशों को अपराधी और सवर्ण वर्ग के बदमाशों को बाहुबली कहा जाय तो उसे कहते है – आरक्षण ! जिसको भारत में आरक्षण नजर आता है , वो सिर्फ “संवैधानिक प्रतिनिधित्व” है जो सभी यूरोपीय , अमेरिकी , अफ्रीकी और जापान आदि देशों में भी अपनाया गया है ! कार्यपालिका , व्यवस्थापिका , न्यायपालिका एवं मीडिया के क्षैत्र मे “संख्या” के अनुपात मे प्रतिनिधित्व लोकतंत्र का प्राण होता है , जिसे “भारतीय संविधान” ने अपने प्रत्येक नागरिक को प्रदान किया हुआ है । लेकिन इन सब के बावजूद भारत में सदियों से शोषित वर्ग को मिले आरक्षण पे हमेशा सवाल किया जाता है। आपको बातदें कि आदित्य पासवान ने कहा कि आरक्षण हमारा अधिकार है।

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