HIGHLIGHTS
· Waqf Bill में संशोधन के लिए JPC की बैठक।
· पांचवीं बैठक में चर्चा के दौरान जोरदार हंगामा।
· पसमांदा मुस्लिम ने बिल का किया समर्थन।
New Delhi,R Kamar: वक्फ बिल में संशोधन के लिए JPC की बैठकों का दौर लगातार जारी है। JPC की पांचवीं बैठक में चर्चा के दौरान जोरदार हंगामा हुआ है। बैठक में एक समय ऐसा भी आया जब JPC चेयरमैन जगदंबिका पाल और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मुस्लिम समाज की तरफ से विधेयक पर अपना पक्ष रखने के लिए आए पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने वक्फ बिल का पुरजोर शब्दों में समर्थन किया। इस दौरान आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के प्रतिनिधि जेपीसी के समक्ष पेश हुए।
आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने क्या दिया तर्क?
महाज ने वक्फ बिल का समर्थन करते हुए कहा कि इससे पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी। साथ ही उम्मीद जताई कि यह भ्रष्टाचार व अवसरवाद खत्म करने की दिशा में अहम कदम साबित होगा। महाज प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि देश कानून से चलना चाहिए, न कि धार्मिक ग्रंथों से। उसने समिति से कहा कि विधेयक में ‘वक्फ बाई यूजर्स’ का उल्लेख नहीं है और इसे विधेयक में शामिल किया जाना चाहिए। महाज ने पसमांदा मुस्लिमों व महिलाओं को वक्फ की प्रबंध समितियों में शामिल करने और वक्फ संपत्तियों का कैग से आडिट कराने की भी मांग की।
विधेयक असंवैधानिक है: पर्सनल ला बोर्ड
पर्सनल ला बोर्ड ने विधेयक के उस प्रविधान पर आपत्ति की जिसके मुताबिक वक्फ सृजित करने का अधिकार उसी व्यक्ति को होगा जो पांच वर्षों से मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा हो। बोर्ड ने कहा कि ऐसा प्रविधान असंवैधानिक और संसद के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसे समुदाय के सदस्यों की धार्मिक निगरानी माना जाएगा।
बीजेपी व विपक्षी सांसदों में बहस
वहीं, बीजेपी और राजग के सदस्यों ने भी उनकी कुछ दलीलों पर सवाल उठाया। इस दौरान एक भाजपा सांसद और कुछ विपक्षी सदस्यों के बीच गरमागरम बहस हुई। एक भाजपा सांसद ने एक विपक्षी सदस्य पर दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया। पटना की चाणक्य नेशनल ला यूनिवर्सिटी के कुलपति फैजान मुस्तफा भी जेपीसी के समक्ष पेश हुए और ‘एक राष्ट्र, एक कानून’ एवं समान नागरिक संहिता को लेकर कुछ टिप्पणियां कीं, जिनका विपक्षी सदस्यों ने कड़ा विरोध किया।