Wayanad, News Desk: केरल की वायनाड से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को जनता के बीच पहुंचे। इस दौरान वायनाड की जनता को धन्यवाद दिया और फिर लगे हाथ यह भी पूछ लिया कि वो कहां से सांसद रहें? राहुल का कहना था कि मैं दुविधा में हूं, क्या चुनूं? रायबरेली या वायनाड? इस बीच वहां उनको सुनने आई जनता ने जवाब दिया कि वायनाड। उसके बाद राहुल ने कहा, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मेरे फैसले से वायनाड और रायबरेली दोनों खुश होंगे। मैं वादा करता हूं। सभी तरह के समर्थन के लिए धन्यवाद करता हूं और मैं जल्द ही आपसे फिर मिलने आऊंगा।
2019 में भी वायनाड जीते अमेठी हारे
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बार भी आम चुनाव में दो सीटों से चुनाव लड़े हैं। उन्होंने केरल की वायनाड और यूपी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा और जबरदस्त मार्जिन से जीत हासिल की है। राहुल इससे पहले 2019 में भी वायनाड और यूपी की अमेठी सीट से चुनाव लड़े थे। हालांकि, वो अमेठी में हार गए थे और वायनाड की जनता ने उन्हें सांसद चुनकर लोकसभा भेजा था।
2024 में वायनाड और रायबरेली से लड़े चुनाव
इस बार भी दो सीटों पर चुनाव लड़े और दोनों पर जीत हासिल की। नियमों के मुताबिक, राहुल एक सीट से ही सांसद रह सकते हैं। ऐसे में उन्हें किसी एक सीट से इस्तीफा देना पड़ेगा।
दुविधा में राहुल गांधी!
कांग्रेस और राहुल गांधी के सामने संकट यह भी है कि एक सीट (रायबरेली) गांधी परिवार की पारंपरिक और गढ़ मानी जाती है तो दूसरी सीट (वायनाड) की जनता ने उस समय राहुल को अपनाया, जब वो खुद की परंपरागत सीट (अमेठी) से चुनाव हार गए थे। ऐसे में वो दोनों सीटों के वोटर्स से सीधे जुड़ाव महसूस करते हैं। फिलहाल, राहुल जिस सीट से इस्तीफा देंगे, वहां उपचुनाव होंगे और कांग्रेस के पास मौका रहेगा कि वो वहां अपना उम्मीदवार को उतारकर जीतने की कोशिश करेगी।
नफरत को प्यार से हराया
बुधवार को वायनाड पहुंचे राहुल गांधी ने कहा, इस चुनाव में नफरत को प्यार से हराया गया है. विनम्रता से अहंकार पराजित हुआ है। दरअसल सच तो यह है कि प्रधानमंत्री वाराणसी में हारने से बाल-बाल बचे हैं। अयोध्या में बीजेपी की हार हुई तो अयोध्या के लोगों ने भी संदेश दिया है कि हम हिंसा और नफरत का समर्थन नहीं करते हैं। मैं आपको बता सकता हूं कि दिल्ली में बनी सरकार एक अपंग सरकार है। विपक्ष ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है।