New Delhi, R.Kumar: नरेंद्र मोदी का लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन जाने के बाद अब सभी की निगाह लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव पर आकर टिक गई है। ये चुनाव 26 जून को होने हैं। इस बीच लोकसभा स्पीकर चुनाव को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस ने NDA के सहयोगियों को कहा हैं कि उन्हें अपनी पार्टी के किसी सदस्य को लोकसभा का स्पीकर बनाना चाहिए।
स्पीकर का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए- अशोक गहलोत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने JDU और TDP को कहा था, ‘लोकसभा स्पीकर पद के चुनाव की ओर केवल TDP एवं JDU ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता उत्सुकता से देख रही है। यदि भाजपा के मन में आगे जाकर कोई भी अलोकतांत्रिक कृत्य करने का इरादा नहीं है तो उन्हें स्पीकर का पद किसी सहयोगी दल को ही देना चाहिए। गठबंधन धर्म को निभाते हुए 1998 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में TDP व शिवसेना के स्पीकर एवं UPA सरकार में 2004 से 2009 तक CPI(M) के स्पीकर रहे और अच्छे से लोकसभा का प्रबंधन हुआ।’अगर बीजेपी का स्पीकर बनता हैं तो वो उनकी पार्टी तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं.
INDI गठबंधन की मांग और उनके बयान आपत्तिजनक हैं- के.सी. त्यागी
इस पर अब JDU प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने पलटवार किया है। विपक्ष के आरोपों पर के.सी. त्यागी ने पलटवार करते हुए कहा, “स्पीकर का पद सदन का सबसे मर्यादित पद होता है, उस पद के लिए पहला हक सत्तारुढ़ पार्टी का होता है। जो INDI गठबंधन की मांग और उनके बयान आपत्तिजनक हैं। भाजापा या NDA गठबंधन का उस पद पर पहला हक है और हमारी पार्टी का मानना है कि भाजपा गठबंधन की बड़ी पार्टी है इसलिए उसका अधिकार पहले है। हम 35 साल से NDA में हैं. एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि भाजपा ने JDU को तोड़ने की कोशिश की हो।”
अशोक गहलोत ने याद दिलाई पुरानी बात
अशोक गहलोत कहा, ‘TDP और JDU को महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश एवं राजस्थान में भाजपा द्वारा किए गए सरकार गिराने के षड़यंत्रों को नहीं भूलना चाहिए। इनमें से कई राज्यों में तो स्पीकर की भूमिका के कारण ही सरकार गिरी और पार्टियां टूटीं. 2019 में TDP के 6 में से 4 राज्यसभा सांसदों भाजपा में शामिल हो गए थे और तब TDP कुछ भी नहीं कर सकी थी। अब अगर भाजपा लोकसभा स्पीकर का पद अपने पास रखती है तो TDP और JDU को अपने सांसदों की हॉर्स ट्रेडिंग होते देखने के लिए तैयार रहना चाहिए।’