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June 7, 2025 8:13 pm
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पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर मिल रही एकमुश्त छूट: शीला कुमारी-पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर मिल रही एकमुश्त छूट: शीला कुमारी-पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर मिल रही एकमुश्त छूट: शीला कुमारी-पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर मिल रही एकमुश्त छूट: शीला कुमारी-पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर मिल रही एकमुश्त छूट: शीला कुमारी-बाढ़ थर्मल पावर प्लांट के प्रथम चरण की तीसरी इकाई का ट्रायल रन सफतापूर्वक पूर्वक पूरा।-बाढ़ थर्मल पावर प्लांट के प्रथम चरण की तीसरी इकाई का ट्रायल रन सफतापूर्वक पूर्वक पूरा।-बाढ़ थर्मल पावर प्लांट के प्रथम चरण की तीसरी इकाई का ट्रायल रन सफतापूर्वक पूर्वक पूरा।-बाढ़ थर्मल पावर प्लांट के प्रथम चरण की तीसरी इकाई का ट्रायल रन सफतापूर्वक पूर्वक पूरा।-बाढ़ थर्मल पावर प्लांट के प्रथम चरण की तीसरी इकाई का ट्रायल रन सफतापूर्वक पूर्वक पूरा।

बच्चों के बीमारियों को न करे नजरअंदाज, जल्द ही ले डॉक्टर से परामर्श-डॉ.एस.के. पंसारी।

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पटना सिटी,आशीष: – अक्सर देखने में आता है कि जब बच्चे किसी बीमारी से ग्रसित होते है खासकर सर्दी व खांसी से तो उनके माता-पिता घरेलू इलाज करने की कोशिश करते हैं लेकिन ये बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है । शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.एस. के.पंसारी बताते हैं कि बच्चों की बामारियों को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए।

ब्रोंकाइटिस नामक बीमारी से ग्रसित हो रहे बच्चे।

डॉ पंसारी ने बताया की आज कल वायु प्रदूषण, संक्रमण और बदलते मौसम के कारण नवजात से बड़े बच्चों में ब्रोंकाइटिस नामक बीमारी से ग्रसित हो रहे है । ब्रोंकाइटिस फेफड़ों में जाने वाले वायुमार्ग की सूजन है। जब वायुमार्ग (श्वासनली और ब्रांकाई) में जलन होती है, तो उसमे सूजन हो जाता हैं और बलगम से भर जाते हैं, जिससे खांसी होने लगती है। खांसी कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकती है। सर्दी, खांसी, बुखार,बंद नाक, सांस लेने में तकलीफ और छाती में घरघराहट आदि इसके मुख्य लक्षण है।

ब्रोंकाइटिस दो प्रकार के होते हैं।

मुख्यतः यह दो प्रकार के होते है जिसे एक्यूट और क्रानिक ब्रोंकाइटिस कहा जाता है । एक्यूट ब्रोंकाइटिस समय से ठीक हो जाता है जबकि क्रानिक ब्रोंकाइटिस बार – बार होता है । क्रानिक ब्रोंकाइटिस आगे चलकर कर अस्थमा का भी रूप ले लेता है ।

बच्चों को जंक फूड से दूर रखेंं।

इसके बचाव के लिए फ्लू का टीका लगवाए ,संक्रमित लोगों से दूर रहे और साबुन से हाथ धोकर खाना खाए। बच्चों को जंक फूड से दूर रखे और तरल पदार्थ जैसे सादा व नारियल पानी और जूस ज्यादा से ज्यादा मात्र में देना चाहिए ।

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