मऊ, घोसी। मऊ जिले की घोसी तहसील से एक शर्मनाक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने प्रशासन की कार्यप्रणाली और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तहसील परिसर में खुलेआम 75 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति की लेखपालों द्वारा बेरहमी से पिटाई की गई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मूजदांड़ गांव निवासी दिव्यांग सत्येंद्र चौहान ने वारिस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील में आवेदन किया था। सत्येंद्र का आरोप है कि तहसील मंत्री रवि कुमार ने प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में 4 से 5 हजार रुपये की अवैध सुविधा शुल्क की मांग की। दिव्यांग व्यक्ति ने जब रिश्वत देने से इनकार किया, तो उसे लगातार तहसील के चक्कर कटवाए गए।
न्याय मांगना पड़ा महंगा, तहसील परिसर बना पिटाई का अड्डा
सत्येंद्र चौहान ने जब मंगलवार को रवि कुमार से सवाल किया कि प्रमाण पत्र अब तक क्यों नहीं बना, तो रवि कुमार भड़क उठे। आरोप है कि उन्होंने अन्य लेखपालों के साथ मिलकर तहसील परिसर में ही सत्येंद्र की जमकर पिटाई कर दी। पिटाई से दिव्यांग बुरी तरह घायल हो गया। मौके पर मौजूद वकीलों और वादकारियों ने बीच-बचाव कर किसी तरह जान बचाई।
SDM से शिकायत करने पर भी नहीं मिला न्याय
घटना की शिकायत लेकर सत्येंद्र जब एसडीएम अभिषेक गोस्वामी के पास पहुंचा, तो उम्मीद थी कि उसे न्याय मिलेगा। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि एसडीएम अभिषेक गोस्वामी ने बिना कोई सुनवाई किए उसे तहसील से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
स्थानीय लोगों में आक्रोश, प्रशासन मौन
घटना के बाद स्थानीय लोगों और अधिवक्ताओं में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि जब तहसील परिसर में ही कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं, तो आम जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?
मांग की जा रही है कार्रवाई की
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोग दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अब तक किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।