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लोकसभा चुनाव से पहले बाहुबली को लगा झटका, पूर्व सांसद दोषी करार, कल सजा पर फैसला।

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जौनपुरः बाहुबली धनंजय सिंह ने पिछले दिनों जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। लेकिन अब कोर्ट ने उनके अरमानों पर पानी फिर दिया है। जौनपुर अपहरण केस में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दोषी करार दिया गया है। इसके बाद उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया है। ऐसे में उनके चुनाव लड़ने की संभावना अब धुमिल होती नजर आ रही है। बता दें कि जौनपुर सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी के नाम का ऐलान होते ही धनंजय सिंह ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। धनंजय सिंह ने जौनपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए पोस्टर भी जारी किया था, जिसमें लिखा था- जीतेगा जौनपुर।
क्या है पूरा मामला ?
आपको बता दें कि धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम को अपहरण और रंगदारी मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी द्वारा दोषी करार ठहराया गया है। सजा पर सुनवाई बुधवार (6 मार्च) को होगी। कोर्ट ने यह फैसला 4 साल पुराने मामले में सुनाया है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह को एसटीपी के प्रोजेक्ट मैनेजर को धमकी और अपहरण के मामले में दोषी करार दिया गया है। पुलिस ने पूर्व सांसद को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को थाना लाइनबाजार में अपहरण रंगदारी व अन्य धाराओं में धनंजय सिंह व उनके साथी विक्रम पर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए थे। वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाए। इंकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी।

गिरफ्तार भी हुए थे धनंजय सिंह
मुकदमा होने के बाद इस मामले में पूर्व सांसद गिरफ्तार हुए और बाद में जमानत उच्च न्यायालय इलाहाबाद से हुई। पिछली तारीख पर धनंजय व संतोष विक्रम ने आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें कहा था कि वादी पर दबाव डालकर मुकदमा दर्ज करवाया गया। उच्चाधिकारियों के दबाव में कोर्ट में केस डायरी दाखिल की गई। वादी ने पुलिस को दिए बयान व धारा 164 के बयान में घटना का समर्थन नहीं किया है। शासकीय अधिवक्ता ने लिखित आपत्ति किया कि वादी की लिखित तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ।

सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हाट्सएप मेसेज, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित है। वादी पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपियों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था। अगली तिथि पर दोनों आरोपी न्यायालय में उपस्थित हुए और आरोप तय हुआ था। कोर्ट ने वादी अभिनव को गवाही के लिए तलब किया था। अब हालात धनंजय सिंह के विपरीत नजर आ रहे हैं ऐसे में उनका चुनाव लड़ना मुश्किल है।

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