New Delhi, R.Kumar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग ने कदम उठाया है। चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और राहुल गांधी के भाषण को लेकर भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी कर दिया है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल तक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जवाब मांगा है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग से कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की शिकायत की थी और बीजेपी ने राहुल गांधी की शिकायत की थी।
निर्वाचन आयोग ने पहली बार लिया संज्ञान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के आरोपों का पहली बार संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को बताया कि उसने बीजेपी से विपक्षी दलों द्वारा दर्ज कराई शिकायतों पर जवाब देने को कहा है, जिनमें पीएम नरेन्द्र मोदी पर राजस्थान के बांसवाड़ा में विभाजनकारी व मानहानिजनक भाषण देने का आरोप लगाया गया है। साथ ही आयोग ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर भाजपा द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत पर भी विपक्षी दल से जवाब मांगा है।
चुनाव आयोग ने लिखा पत्र
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा में पीएम मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों के संबंध में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भाकपा (एमएल) की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतों पर नड्डा से सोमवार तक जवाब देने को कहा. चुनाव आयोग ने जेपी नड्डा से यह भी कहा कि वह पार्टी के सभी स्टार प्रचारकों से राजनीतिक विमर्श के उच्च मानक तय करने और आदर्श आचार संहिता का अक्षरत: पालन करने के लिए कहें।
अधिकारियों ने कहा कि यह पहली बार है कि चुनाव आयोग ने किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत का संज्ञान लिया हो। निर्वाचन आयोग ने स्टार प्रचारकों पर लगाम लगाने के पहले कदम के तहत पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधानों का इस्तेमाल किया है। चुनाव आयोग ने इसी तरह का एक पत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भी लिखा है जो उनके और राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है।
29 अप्रैल तक देना है जवाब
दोनों दलों के अध्यक्षों को लिखे गए पत्रों में चुनाव आयोग ने पीएम मोदी, राहुल गांधी या खरगे का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया है, लेकिन चिट्ठियों में उसे मिली शिकायतों को संलग्न किया गया है जिनमें तीनों नेताओं के खिलाफ आरोपों का ब्यौरा है। चुनाव आयोग को की गई अपनी शिकायत में कांग्रेस ने कहा था कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में आरोप लगाया है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति मुसलमानों को बांटना चाहती है और विपक्षी दल महिलाओं के मंगलसूत्र को भी नहीं छोड़ेगा।
दूसरी ओर, भाजपा ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में गांधी ने अपने भाषण के दौरान मोदी के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और पूरी तरह से भयावह आरोप लगाए। भाजपा ने खरगे पर यह दावा करने के लिए आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है कि उन्हें अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ भेदभाव के कारण राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। अब देखना होगा की 29 अप्रैल को दोनों पार्टियों के तरफ से क्या जवाब आता है।