
New Delhi,News Desk: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के दक्षिण और पूर्वी हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक भारी वर्षा और चक्रवाती गतिविधियों की संभावना जताई है। विभाग ने 31 अक्टूबर तक के लिए कई राज्यों में अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बनने के कारण यह मौसम प्रणाली सक्रिय हुई है।
कहां-कहां बारिश और चक्रवाती असर की संभावना?
IMD के मुताबिक,
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आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड, और बिहार के कई हिस्सों में अगले पांच दिनों तक मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
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बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना निम्न दबाव क्षेत्र अगले 48 घंटों में गहराते हुए डिप्रेशन (Depression) में बदल सकता है।
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इसके कारण तटीय इलाकों में 40–60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चल सकती हैं।
IMD का अलर्ट और प्रशासनिक तैयारी
भारत मौसम विभाग ने राज्यों को पूर्व-सावधानी (precautionary measures) बरतने के निर्देश दिए हैं।
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मत्स्य विभाग को मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह देने को कहा गया है।
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राज्य आपदा प्रबंधन टीमें (SDRF/NDRF) को अलर्ट पर रखा गया है।
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निचले इलाकों में संभावित जलभराव और बिजली कटौती से निपटने की तैयारी शुरू हो गई है।
IMD ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम अपडेट पर नज़र रखें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
प्रभावित राज्यों की स्थिति
| राज्य | संभावित असर |
|---|---|
| आंध्र प्रदेश | विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम, गुन्टूर में भारी बारिश और तेज़ हवाएँ |
| ओडिशा | पुरी, बालासोर, भद्रक में लगातार वर्षा और बिजली गरजने की संभावना |
| तमिलनाडु | तटीय इलाकों में वज्रपात और समुद्र में ऊँची लहरें |
| पश्चिम बंगाल | दक्षिण 24 परगना और मिदनापुर में जलभराव की आशंका |
| झारखंड-बिहार | पूर्वी ज़िलों में हल्की से मध्यम वर्षा और आंधी की संभावना |
बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम सक्रिय
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहा यह सिस्टम एक चक्रवातीय परिसंचरण (Cyclonic Circulation) का रूप ले सकता है।
हालांकि, फिलहाल इसके किसी मुख्य चक्रवात (Severe Cyclone) में बदलने की संभावना कम बताई गई है, पर यह अगले कुछ दिनों तक तटीय राज्यों में तेज़ हवाओं और भारी वर्षा का कारण बनेगा।
जनता को क्या करना चाहिए
IMD ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है:
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मौसम विभाग के अपडेट नियमित रूप से देखें।
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खुले क्षेत्रों में बिजली गिरने के समय न जाएँ।
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पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे खड़े न रहें।
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जरूरत पड़ने पर प्रशासनिक हेल्पलाइन या आपदा प्रबंधन नंबरों पर संपर्क करें।
निष्कर्ष
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, यह मौसम प्रणाली फिलहाल मध्यम स्तर के चक्रवाती असर के रूप में सक्रिय है। अगले 48 से 72 घंटों में इसके प्रभाव की तीव्रता पर नज़र रखी जाएगी।
राज्य सरकारों को सतर्कता और राहत उपायों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी आपदा की स्थिति से निपटा जा सके।


