HIGHLIGHTS
- देशभर में मनाया जा रहा है विजयादशमी का त्योहार।
- रावण दहन का क्या सही सही मुहूर्त?
- विजयदशमी के दिन अस्त्र-शस्त्र होती है पूजा।
New Delhi, Religion Desk: हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक है। शनिवार को देशभर में दशहरा यानी विजयादशमी का त्योहार मनाया जा रहा है। आपको बात दें कि विजयादशमी का पावन पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। तो अब आइए जानते हैं कि आज रावण दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?
रावण दहन का मुहूर्त
आज दशमी तिथि 12 अक्टूबर यानी सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर शुरू हो चुका है और तिथि का समापन 13 अक्टूबर यानी कल सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। साथ ही, रावण दहन का समय शनिवार शाम 5 बजकर 53 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 27 मिनट तक ही रहेगा। इस बीच में रावण दहन होना है।
दशहरा पूजन विधि
विजयादशमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद गेहूं या फिर चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं। इसके बाद गाय के गोबर से नौ गोले (कंडे) बना लें। इन कंडों पर पर जौ और दही लगाएं। इस दिन बहुत से लोग भगवान राम की झांकियों पर जौ चढ़ाते हैं और कई जगह लड़के अपने कान पर जौ रखते हैं। इसके बाद गोबर से दो कटोरियां बना लें। एक कटोरी में कुछ सिक्के भर दें और दूसरी में रोली, चावल, फल, फूल, और जौ डाल दें। बनाई हुई प्रतिमा पर केले, मूली, ग्वारफली, गुड़ और चावल चढ़ाएं। इसके बाद उसके समक्ष धूप-दीप इत्यादि प्रज्वलित करें। इस दिन कुछ लोग अपने बहीखाता की भी पूजा करते हैं। ऐसे में आप अपने बहीखाते पर भी जौ, रोली इत्यादि चढ़ाएं। ब्राह्मणों और ज़रूरतमंदों को भोजन कराएं और सामर्थ्य अनुसार उन्हें दान दें। रावण दहन के बाद घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लें।
दशहरा उपाय
- भगवान राम के 108 नामों का जप करें। आपके जीवन में सोया भाग्य जागेगा।
- आर्थिक संपन्नता के लिए दशहरा के दिन दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके हनुमान जी के सामने तिल के तेल का दीपक जलाएं और सुंदरकांड का पाठ करें। ऐसा करने से आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी।
- नौकरी में उन्नति और सफलता के लिए सफेद सूत को केसर के रंग से रंगे और ‘ऊं नमो नारायण’ मंत्र का 108 बार जप करें। पूजा के बाद इसको अपने पास सुरक्षित रखें।
- विजयदशमी के दिन अस्त्र-शस्त्र पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसे में इस दिन अपने घर में मौजूद अस्त्र-शस्त्र की साफ-सफाई अवश्य करें और उनका पूजन करें।