
- लेखपालों द्वारा वकीलों पर लगाए आरोप से भड़का बार एसोसिएशन, तहसील अध्यक्ष अनिल मिश्र बोले, “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे”
 - घूसखोरी के आरोप में निलंबित लेखपाल दिनेश चौहान के समर्थन में आए लेखपालों के पदाधिकारी खुलेआम लगा रहे थे आरोप
 - लेखपालों ने प्रशासनिक अफसरों और वकीलों पर खुले मंच से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
 - लेखपाल संघ के पदाधिकारी आशुतोष पाण्डेय ने मंच से कहा — “एसडीएम भ्रष्टाचारी, तहसीलदार भ्रष्टाचारी, नायब भ्रष्टाचारी है।
 
घोसी/ विवेक चौहान। लेखपालों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों और वकीलों पर खुलेआम घूसखोरी के आरोप लगाने से वकील समुदाय में उबाल आ गया है। तहसील बार एसोसिएशन घोसी के अध्यक्ष अनिल मिश्र ने कड़ा बयान देते हुए कहा — “यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात है। जिन पर खुद भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वे अब दूसरों को बदनाम कर रहे हैं, वकील। घूस नहीं फीस लेता है।”
वकीलों ने चेतावनी दी है कि अगर लेखपालों ने अपने बयान वापस नहीं लिए तो बार एसोसिएशन विरोध प्रदर्शन करेगा। दोनों पक्षों में बढ़ती तल्खी के चलते तहसील परिसर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
गौर तलब है कि घूसखोरी के आरोप में निलंबित लेखपाल दिनेश चौहान के समर्थन में लेखपालों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। चौथे दिन भी तहसील परिसर लेखपालों के नारों से गूंजता रहा। प्रदर्शनकारी लेखपालों ने प्रशासनिक अफसरों और वकीलों पर खुले मंच से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।
धरने में शामिल मऊ से आए लेखपाल संघ के पदाधिकारी आशुतोष पाण्डेय ने मंच से कहा — “एसडीएम भ्रष्टाचारी है, तहसीलदार भ्रष्टाचारी है, नायब भ्रष्टाचारी है।” उन्होंने प्रशासनिक तंत्र पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की जड़ें तहसील में गहराई तक फैली हैं, और जब कोई रिट हाईकोर्ट में जाती है तो उसका सारा खर्चा लेखपालों को ही उठाना पड़ता है। धरने में कई वक्ताओं ने प्रशासन को “भ्रष्टाचार का केंद्र” बताते हुए कहा कि ईमानदार कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि असली भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने निलंबित लेखपाल दिनेश चौहान को निर्दोष बताते हुए तत्काल बहाली की मांग की। इस दौरान तहसील अध्यक्ष अरविन्द पाण्डेय, मंत्री सौरभ राय, गौरव राय, शेषनाथ चौहान, सपना प्रभाकर, जिला अध्यक्ष आशुतोष पाण्डेय जिला मंत्री राहुल बाबा समेत बड़ी तादाद में मधुबन सदर और मुहम्मदाबाद के लेखपाल मौजूद रहे।
								
													
													
							
						
						

