SPOT TV | Best News Channel

Sptlogo
December 3, 2024 11:37 pm
Download
Header Banner
Search
Close this search box.
सादगी की मूर्ति थे डॉ राजेंद्र प्रसाद - एसडीएम न्यायिक राजेश अग्रवाल -AI सीखकर देश एवं समाज की तरक्की में युवा दें योगदान: प्रोफेसर अकील अली सैय्यद -66 बिसवा पोखरी पर मंडी समिति का अतिक्रमण, तहसील प्रशासन मौन-तमसा तट पर चित्रकला और रंगोली में कई स्कूलों के छात्रों ने बिखेरे जलवा,  विजेता को अंगवस्त्रम, पेन, घड़ी और प्रमाण-पत्र से हुए सम्मानित- 4 व 5 दिसंबर को होगी फुटबॉल प्रतियोगिता - डॉ शाश्वतानंद पांडे-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।-दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, केंद्रीय गृह ने प्रतिमा का किया अनावरण।

Supreme Court ने पतंजलि केस में IMA को लगाई फटकार, कहा- आपके डॉक्टर भी मंहगी और गैरजरूरी दवाओं का करते हैं प्रचार।

Share This News

Web 04

New Delhi, G.Krishna: सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को बाबा रामदेव से पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले की सुनवाई की। इस दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) को भी जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि वह पतंजलि पर अंगुली उठा रहा है, जबकि चार अंगुलियां आप पर भी उठ रही हैं। कोर्ट ने कहा कि एलोपैथी के डॉक्टर भी मंहगी और गैरजरूरी दवाओं का प्रचार करते हैं।

मंहगी और गैरजरूरी दवाओं का करते हैं प्रचार

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि IMA को अपनी तरफ भी देखना चाहिए।  एलोपैथी के डॉक्टर लोगों को गैरजरूरी और काफी महंगी दवाएं लिखते हैं। अदालत ने आगे कहा कि IMA की तरफ से भी अनैतिक तौर तरीके अपनाए जाने की शिकायत मिल रही है। इतना ही नहीं, इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद के अलावा दूसरी एफएमसीजी कंपनियों का भी जिक्र किया और कहा कि वे भी अपने प्रोडक्ट्स के बारे में गलत दावे करती हैं।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भी तलब

सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे भी कई सारे उत्पादों के विज्ञापन देखने को मिलते हैं, जिनके इस्तेमाल से ना केवल छोटे बच्चों पर बल्कि स्कूल जाने वाले बच्चों और वरिष्ठ नागरिको तक पर बुरा प्रभाव होता है। अदालत ने कहा कि इस मामले में तो सभी राज्यों की लाइसेंसिग अथॉरिटीज को भी पार्टी बनाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भी तलब कर लिया और कहा कि अब तक आपने बीते तीन सालों में कितने भ्रामक विज्ञापन पर कार्रवाई की है। वहीं, आईएमए की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पटवालिया ने कहा कि एसोसिएशन इस पर गौर करेगा, जिस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि हम मामले को हल्के में नहीं ले सकते। इसमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं।

अधिकार की रक्षा करना हमारा कर्तव्य और जिम्मेदारी है

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम यहां पक्षपातपूर्ण होने के लिए नहीं हैं। न ही वह किसी पार्टी का पक्ष लेने के लिए बैठे हैं। हम जनता के व्यापक हित में निर्णय लेते हैं। लोगों को गुमराह नहीं होना चाहिए। लोगों को समझना चाहिए कि सच क्या है। यह उनका अधिकार है और उस अधिकार की रक्षा करना हमारा कर्तव्य और हमारी जिम्मेदारी है। अब ऐसे में ये लगने लगा है कि आने वाले दिनों में सर्वोच्च न्यायालय कुछ और कड़े निर्देश दे सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories updates

सादगी की मूर्ति थे डॉ राजेंद्र प्रसाद – एसडीएम

देश रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 140वीं जयंती : अधिवक्ताओं ने दी.

AI सीखकर देश एवं समाज की तरक्की में युवा

जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्कशॉप आयोजित नंदुरबार, महाराष्ट्र। अक्कलकुआ.

66 बिसवा पोखरी पर मंडी समिति का अतिक्रमण, तहसील

जुलाई में जिलाधिकारी को दिया गया था शिकायती पत्र तहसील दिवस पर.