नई दिल्ली: 1st April को नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही देश में कई बदलाव किए गए हैं। जो कि सीधा आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं। ये नियम एलपीजी सिलेंडर के रेट, फास्टैग, पैन-आधार लिंकिंग, नेशनल पेंशन सिस्टम और इंश्योरेंस से जुड़े नियम शामिल हैं। चलिए एक-एक करके जान लेतें हैं कि ये नियम किस तरह आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।
बिना KYC वाले फास्टैग ब्लैकलिस्ट या डिएक्टिवेट
अब 1 अप्रैल 2024 से Fastag से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने फास्टैग यूजर्स के लिए KYC अपडेट करने की डेडलाइन 31 मार्च 2024 तय की थी,जो कि अब खत्म हो चुकी है। अगर आप इस तारीख तक केवाईसी अपडेट (FASTag KYC Update) नहीं कराया है तो अब आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। NHAI ने घोषणा करते हुए कहा था कि ‘वन व्हीकल, वन फास्टैग’ (One Vehicle One FASTag) पहल के तहत बिना केवाईसी वाले फास्टैग को ब्लैकलिस्ट या डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। वहीं, FASTag के लिए KYC नहीं होने पर आपको दोगुना टोल (Toll Tax) चुकाना पड़ सकता है।
Pan Card – Aadhaar Card लिंक करने पर देना होगा जुर्माना
सरकार ने Pan Card को Aadhaar Card से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। पैन को आधार से लिंक (Pan-Aadhaar Link) करने की डेडलाइन 31 मार्च 2024 तय की गई थी। अगर आपने इस डेडलाइन तक पैन को आधार कार्ड से लिंक नहीं किया गया तो अब आपका पैन नंबर (Pan Number) डीएक्टिवेट हो जाएगा। इतना ही नहीं, 1 अप्रैल के बाद पैन को आधार से लिंक करने के लिए आपको 1,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा।
EPFO के नियमों में किया बदलाव
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1 अप्रैल 2024 से प्रोविडेंट फंड बैलैंस (PF Balance) को मैनेज करने के लिए ऑटोमैटिक ट्रांसफर सिस्टम लागू किया है। इसका मतलब यह है कि नौकरी बदलने के समय पीएफ बैलेंस को ट्रांसफर करना अब आसान हो गया है। इसके तहत अब जॉब चेंज करने पर आपका पुराना पीएफ बैलेंस ऑटोमेटिक रूप से नए अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा। इससे पीएफ अकाउंटहोल्डर्स को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार के इस कदम की हर कोई सराहना कर रहा है।
New Tax Regime implemented
केंद्र की मोदी सरकार ने 1 अप्रैल, 2024 से नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को डिफ़ॉल्ट सेटिंग के रूप में लागू कर दिया है। इसका मतलब यह है कि जब तक आप स्पष्ट रूप से ओल्ड टैक्स रिजीम नहीं चुनते हैं, आपके टैक्स का मूल्यांकन ऑटोमेटिक रूप से नई टैक्स सिस्टम के तहत किया जाएगा। नए Income Tax Regime के तहत टैक्स रिबेट की सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है। नई टैक्स प्रणाली के तहत टैक्स ब्रैकेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी अगर आपकी सालाना आय 7 लाख रुपये या इससे कम है तो आपको नई टैक्स रिजीम के तहत कोई आयकर नहीं देना होगा।
NPS में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन की प्रोसेस शुरू
पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस (NPS) को और भी ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत PFRDA ने 1 अप्रैल से सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (CRA) तक एक्सेस के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन प्रोसेस शुरू किया है। इसका मतलब है कि एनपीएस से जुड़ने वाले नए मेंबर और पुराने मेंबर को अब टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन प्रोसेस से होकर गुजरना होगा। रेगुलेटरी अथॉरिटी ने कहा कि अब टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के बिना किसी को भी NPS अकाउंट में लॉग इन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस नए कदम के बाद अब यूजर्स को आधार बेस्ड लॉगिन ऑथेंटिकेशन का प्रोसेस अपनाना होगा।
लीव इनकैशमेंट
अभी तक प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट पर 3 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही थी, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 25 लाख कर दिया है। आपको बता दें कि इस टैक्स बेनिफिट का लाभ कर्मचारी को तब मिलेगा, जब वो नौकरी बदलेंगे या फिर रिटायर होंगे। वहीं, अगर आप नौकरी के दौरान छुट्टी की जगह कैश ले रहे हैं तो इस लीव इनकैशमेंट पर आपको टैक्स भरना पड़ेगा, क्योंकि इसे भी सैलरी का हिस्सा माना जाता है। नए वित्त वर्ष में नए नियम लागू होने पर हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ना तय है। ऐसे में इसका ध्यान रखें।