SPOT TV | Best News Channel

Sptlogo
December 26, 2024 7:17 pm
Download
Header Banner
Search
Close this search box.
PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।-PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र, डेढ़ साल में 10 लाख को मिली सरकारी नौकरी।

आइए ना ‘बिहार के काशी’ में, ‘बाबा उमानाथ’ आपकी बाट जोह रहे हैं।

Share This News

Uma

HIGHLIGHTS

बिहार में भी है ‘काशी’।

उमानाथ है कामना पूर्ति मंदिर।

भगवान श्रीराम-श्रीकृष्ण भी कर चुके हैं पूजा।

उमानाथ मंदिर में रावण ने भी की थी पूजा।

Patna,R.Kumar: गंगा आमतौर पर दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती है, गंगोत्री ग्लेशियर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक। हालांकि, इस लंबी यात्रा में कई ऐसे स्थान हैं जहां गंगा नदी का घुमावदार बहाव उत्तर दिशा में बहता है, जिसे सनातनी बहुत ही पवित्र और मोक्षदायनी मानते हैं। आज हम आपको सावन की पहली सोमवारी में लिए चलते हैं उत्तरायण गंगा के तट पर स्थित पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल स्थित उमानाथ मंदिर। बाढ़, पटना जिले का एक शहर है जो उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर स्थित है। भगवान शिव का एक पवित्र और ऐतिहासिक मंदिर जिसे उमानाथ के नाम से भी जाना जाता है, जो उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर स्थित है। यह मंदिर सावन के महीने में स्थानीय लोगों के लिए तीर्थयात्रा का प्रसिद्ध स्थान है। लोग सावन के महीने में शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने के लिए अलग-अलग जगहों से यहां आते हैं। आपको ये भी बता दें कि उत्तरायण गंगा नदी के जल को शिवलिंग पर चढ़ाने का विशेष महत्व है। यों तो बाढ़ अपने आप में सदियों पुराने गौरवमयी इतिहास को छिपाए हुए है। गंगा तट पर होने के कारण ही इसे ‘बिहार का काशी’ कहा जाता है।

सबसे पुराना अनुमंडल है बाढ़

बाढ़ नगर 1865 में बना बिहार का सबसे पुराना अनुमंडल है। यह राजधानी पटना से मात्र 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां रेल और सड़क मार्ग दोनों से बड़े ही आराम से पहुंच सकते हैं।

Uuu

दूर-दूर से पूजा करने आते हैं श्रद्धालु

उमानाथ मंदिर की विशेषता में चार चांद लगाते हुए वर्णित दोहा इस प्रकार उद्धृत होती है-‘‘बाढ़ बनारस एक है, बसै गंग के तीर! उमानाथ के दर्शन से कंचन हो शरीर’’. उक्त दोहा मंदिर निर्माण के वक्त ही यहां लगे एक शिलापट्ट पर उकेरी गई थी, जो वक्त के थपेड़ों से काल कल्वित हो गई। बावजूद इसके इस मंदिर की आस्था में आज तक कोई कमी नहीं आई है। बिहार के कोने-कोने से लोग मन्नत मांगने आज भी इस मंदिर में पहुंचते हैं।और बाबा उमानाथ की कृपा से उनका मन्नत पूरी होती है।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.41.13 Pm (1)

कामना पूर्ति मंदिर भी है उमानाथ

प्राचीन और विश्वविख्यात उमानाथ (शिव) मंदिर गंगा के तट पर ही स्थित है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु अपनी कामना पूर्ति के लिए यहां गंगा स्नान कर भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते हैं। इस प्राचीन तीर्थ स्थल की चर्चा गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस के उत्तरकांड में की गई है।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.29.49 Pm (2)

भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण भी कर चुके हैं पूजा-अर्चना

मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान श्रीराम ने शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद पिंडदान हेतु गया की ओर प्रस्थान किया था। भगवान श्रीकृष्ण ने भी इस स्थान पर शिव की पूजा-अर्चना की थी। कहते हैं कि उमानाथ मंदिर का निर्माण त्रेतायुग में किया गया था। कभी रावण भी इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी! और कहा जाता है कि फूल की जगह अपनी गर्दन काट कर चढ़ाया था।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.41.12 Pm

पांडवों द्वारा किया गया था मंदिर का निर्माण

कई विद्वानों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था। प्राचीनकाल में उत्तरायण गंगा के तट पर ऋषि-मुनि तप किया करते थे। तप व यज्ञों में असुर प्राय: विघ्न डाला करते थे, जिनके अत्याचार से ऋषि-मुनि त्रस्त थे। साधु-संतों को असुरों से मुक्ति दिलाने हेतु बिजली की चमक व भूतल की गड़गड़ाहट में एक मनोरम और दैदीप्यमान शिवलिंग का प्रादुर्भाव हुआ, जिसके गुण एवं प्रभाव को देखकर दैत्य वहां से हमेशा-हमेशा के लिए पाताल लोक चले गए।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.29.49 Pm (1)

शिवलिंग का अंत नहीं मिला

मंदिर में स्थापित शिवलिंग के विषय में कहा जाता है कि एक सौ वर्ष पूर्व मंदिर में स्थापित शिवलिंग को उखाड़कर मंदिर के बीचों-बीच स्थापित करने की योजना यहां के पुजारियों और स्थानीय लोगों ने बनाई। शिवलिंग के किनारे-किनारे खुदाई का कार्य प्रारंभ करवाया गया और पचास फुट तक की खुदाई हो गई। इसी बीच एक चमत्कारिक घटना घटी कि शिवलिंग का आकार कमल की पंखुड़ियों के समान मोटा और लम्बा होता गया किन्तु शिवलिंग का अंत नहीं मिल रहा था। खुदाई के दौरान ही गड्ढे से काफी संख्या में सांप और बिच्छु के साथ एक कलश में जलता हुआ दीपक निकला। यह देख कर खुदाई करने वाले मजदूर घबरा गए। एक रात स्वप्न में आकर सदाशिव ने खुदाई करने वाले लोगों को सावधान किया कि वे आदि उमानाथ हैं। उनकी प्रतिमा की खुदाई तुरंत बंद करें। लोगों ने अगली सुबह ही खुदाई बंद करवा दी।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.41.13 Pm

मुगल बादशाह जहांगीर ही हुई थी मनोकामना पूर्ण

मुगल बादशाह जहांगीर ने मनोकामना पूर्ण होने पर उमानाथ मंदिर को 270 एकड़ भूमि दान दी थी। सर गणेश दत्त सिंह द्वारा उमानाथ मंदिर में स्वर्ण कलश व ध्वज स्थापित किए गए। गिद्धौर महाराज ने भी उमानाथ मंदिर को दान दिया था। अनंत श्री ब्रह्मलीन पूज्यपाद धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज प्राय: उमानाथ आया करते थे। विख्यात मैथिली कवि और भगवान शंकर के परम भक्त विद्यापति दरभंगा महाराज केसवारी से प्रत्येक वर्ष उमानाथ दर्शनार्थ आया करते थे। पद्म श्री ज्योतिषाचार्य पं. विष्णुकांत जी उमानाथ आकर शिव की पूजा अर्चना की एवं उमानाथ के संबंध में विस्तृत वर्णन किया था। डा. राजेंद्र प्रसाद ने भी बाबा उमानाथ के दर्शन किए थे। उमानाथ मंदिर के प्राचीन और धार्मिक महत्व के विषय में अंग्रेज इतिहासकारों ने भी अपनी पुस्तकों में चर्चा की है।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.29.48 Pm (1)

राजा मान सिंह ने करवाया था जीर्णोद्धार

उमानाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय राजा मान सिंह को जाता है। सन् 1934 में आए विनाशकारी भूकंप से इस मंदिर के अधिकांश भाग क्षतिग्रस्त हो गए थे। आज भी प्राचीन स्थापत्य काल के सुंदर और बेजोड़ नमूनों के अवशेष मंदिर प्रांगण में मौजूद हैं।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.41.13 Pm (2)

सतियों की स्मृति में मंदिर का निर्माण

इस मंदिर से कुछ ही दूरी पर सती का मंदिर है, जिसके संबंध में कहा जाता है कि पति की मृत्यु हो जाने पर जब एक स्त्री पति की चिता पर बैठ गई तो अंग्रेज अफसरों ने उसे जबरन चिता से उठाकर जेल में डाल दिया और जेल में ही सती आकाशीय बिजली से जल कर भस्म हो गई। इस प्रकार तीन सौ वर्षों के अंतराल में तीन माताएं सती हुईं। इसी महता के कारण ही सतियों की स्मृति में मंदिर का निर्माण करवाया गया।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.41.13 Pm (3)

मंदिर के बगल में स्थित है श्मशान

इस मंदिर के बगल में ही श्मशान घाट स्थित है। उत्तरायण गंगा प्रवाहित होने के कारण ही यहां शमशान घाट में प्रदेश के दूरदराज से व प्रदेश से बाहर के लोग भी शव को जलाने यहां आते हैं। शमशान के निकट ही है भूतनाथ मंदिर, जहां तंत्र-मंत्र से जुड़े लोग तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करते हैं।

Whatsapp Image 2024 07 22 At 1.41.12 Pm

और भी हैं कई प्राचीन मंदिर

बाढ़ में उमानाथ मंदिर के अतिरिक्त कई और धार्मिक महत्व के मंदिर गंगा तट पर स्थित हैं, जिनमें अलखनाथ, सीढ़ी घाट, गौरी शंकर, गोपी नाथ, अमृत देव, रामजनकी मंदिर विशेष दर्शनीय हैं और धार्मिक महत्व रखते हैं। आपको बता दें कि बाढ़ से पांच किलोमीटर पूरब पंडारक में स्थित है, जहां प्राचीन पुण्यार्क सूर्य मंदिर है। इस मंदिर के विषय में कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र सांबा ने यहां आकर भगवान सूर्य की आराधना की थी और कुष्ठ रोग से मुक्ति पाई थी। इस सूर्य मंदिर का निर्माण भी सांबा ने ही करवाया था। ये देश का एक मात्र गंगा के तट पर स्थित सूर्य मंदिर है। तो अगर आप इस सावन में बाढ़ आएं तो बाबा का दर्शन करने के साथ –साथ सूर्य नारायण का भी दर्शन अवश्य करें। साथ ही घूमते घूमते जब थक जाएं और भूख लग गई हो तो यहां की लाई का स्वाद जरूर लें। जय शिव शंकर, हर-हर महादेव।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories updates

PM Modi ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र,

HIGHLIGHTS पीएम मोदी ने 71,000 युवाओं को बांटा नियुक्ति पत्र। डेढ़ साल.

Nitish Kumar Yatra: वाल्मीकिनगर से ‘प्रगति यात्रा’ का शुभारंभ,

HIGHLIGHTS सीएम नीतीश कुमार की यात्रा शुरू। महिलाओं ने CM नीतीश पर.

कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन चुनाव : अध्यक्ष पद के लिए

प्रमोद सिंह पालीवाल, चंद्रशेखर उपाध्याय और पंचानन वर्मा भी चुनावी मैदान में.