नई दिल्ली: कांग्रेस से इस्तीफा देने का सिलसिला नहीं रुक रहा है। रोज झटके पर झटके लग रहे हैं। गुरुवार को पार्टी के बड़े नेता गौरव वल्लभ ने भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन कर लिया है। दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में पार्टी नेता विनोद तावड़े ने उन्होंने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता
उनके साथ ही बिहार कांग्रेस के नेता अनिल शर्मा और आरजेडी नेता, उपेन्द्र प्रसाद भी बीजेपी में शामिल हुए। साथ ही पार्टी के कद्दावर नेता और महाराष्ट्र की सियासत में घमक रखने वाले सजय निरुपम ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। इससे पहले अपने कांग्रेस छोड़ने के फैसले पर गौरव वल्लभ ने कहा कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर मेरे दिल की सारी भावनाएं उसमें व्यक्त कर दी है।
बीजेपी में शामिल होने पर उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने दिल की सारी व्यथाएं, जिसके बारे में मैं कांग्रेस पार्टी को समय-समय पर कांग्रेस पार्टी को अवगत कराया, वो अपने इस्तीफे में लिखा दिया था। मेरा हमेशा मानना रहा है कि भगवान राम का मंदिर बने और न्यौता मिले और हम न्यौते को ठुकरा दें, कांग्रेस पार्टी यह लिखकर दे दे कि हम नहीं जा सकते, मैं ये नहीं स्वीकार कर सकता हूं।’ गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा कि वो सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते। ऐसे में पार्टी में बना रहना मुश्किल है।
वेल्थ क्रिएटर्स को नहीं दे सकता गाली
गौरव वल्लभ ने कहा, ‘मैं अर्थशास्त्र का विद्यार्थी हूं। बड़े समय तक देश के प्रतिष्ठित संस्थाओं में मैंने अर्थशास्त्र और वित्त पढ़ाया भी है। सुबह से शाम तक वेल्थ क्रिएटर्स को गाली, उन नीतियों को गाली, उदारीकरण, निजीकरण को गाली, वैश्विकरण को गाली..मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव ने जो किया उसे पूरी दुनिया मानती हैं, आप उन नीतियों को गाली दे रहे हैं। कोई बिजनेस करे उसे गाली, कोई विनिवेश करे उसे गाली, एयर इंडिया कोई खरीदे वो गलत.. मुझे लगता है मुद्दों को टैकल करने में कांग्रेस पार्टी के अंदर गैप आ रहे हैं। मैंने चिट्ठी में भी यही लिखा।’