New Delhi, News Desk: 26 मई, रविवार शाम तक बांग्लादेश और इससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों से भीषण चक्रवाती तूफान टकराएगा। मौसम विभाग (IMD) ने जो जानकारी दी है उसमें कहा है कि बंगाल की खाड़ी में यह मॉनसून से पहले इस सीजन का पहला चक्रवात है। हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवात के नामकरण प्रणाली के अनुसार इस तूफान का नाम रेमल (Remal) रखा गया है। आईएमडी के मुताबिक रविवार को चक्रवात के कारण 102 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल चलने की संभावना है.
IMD ने जारी की हिदायत
मौसम कार्यालय ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर के तटीय जिलों में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी है। समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों को तट पर लौटने तथा 27 मई तक बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र की सतह के गर्म तापमान के कारण चक्रवाती तूफान तेजी से अपनी गति बढ़ा रहे हैं और लंबे समय तक अपनी शक्ति बरकरार रख रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप महासागर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से अधिकांश अतिरिक्त गर्मी को अवशोषित कर रहे हैं।
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पई के अनुसार, समुद्र की सतह के गर्म तापमान का मतलब अधिक नमी है, जो चक्रवातों की तीव्रता के लिए अनुकूल है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि कम दबाव प्रणाली को चक्रवात में बदलने के लिए समुद्र की सतह का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में सतह का तापमान फिलहाल 30 डिग्री सेल्सियस है।
कैसे रखा जाता है चक्रवातों का नाम?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, मौसम के पूर्वानुमानकर्ता भ्रम से बचने के लिए प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को एक नाम देते हैं। सामान्य तौर पर, उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण क्षेत्रीय स्तर पर नियमों के अनुसार किया जाता है। हिंद महासागर क्षेत्र के लिए 2004 में चक्रवातों के नामकरण के लिए एक सूत्र पर सहमति बनी थी। इस क्षेत्र के आठ देशों बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड सभी ने कुछ नाम दिए थे, ऐसे में जब भी कोई चक्रवाती तूफान विकसित होता है, तो उसे क्रमिक रूप से एक नाम दिया जाता है। चक्रवात को ऐसा नाम दिया जाता है, जो याद रखने और उच्चारण में आसान हो। आपत्तिजनक या विवादास्पद नाम नहीं रखे जाते। इन नामों को विभिन्न भाषाओं से भी चुना जाता है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों के लोग उन्हें पहचान सकें। नामकरण प्रणाली समय के साथ विकसित हुई है। शुरुआती वर्षों में, नामों को वर्णानुक्रम के अनुसार चुना जाता था। वर्णमाला के प्रत्येक अक्षर के आधार पर एक नाम रखा जाता था। हालांकि इस प्रणाली से भ्रम पैदा होता था और नाम याद रखने में कठिनाई होती थी। इसलिए पूर्व-निर्धारित नामों की वर्तमान प्रणाली शुरू की गई।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर के तटीय जिलों में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। तूफान के 25 मई (शनिवार) को गहरे दबाव में और 26 मई को गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। आईएमडी ने कोलकाता, हावड़ा, नादिया, झाड़ग्राम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।