New Delhi, News Desk:देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत आजकल भीषण गर्मी की चपेट में है। दिल्ली में तापमान तकरीबन 45 डिग्री के आसपास मंडरा रहा है, वहीं यूपी, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में भी पारा लगातार आसमान छू रहा है। मौसम विभाग की माने तो अभी कुछ दिनों तक हीट वेव चलने की संभावना है। उत्तर भारत में जहां गर्मी से बुरा हाल है, तो वहीं दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की रफ्तार अभी धीमी है। बुधवार को मॉनसून ने महाराष्ट्र के बड़े हिस्से दस्तक दी, वहीं अब भीषण गर्मी से जूझ रहे मध्य और उत्तर भारत को अब भी मानसून का बेसब्री से इंतजार है। इस गर्मी ने पूरी तरह से जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है।
इन राज्यों में हो रही अग्नि वर्षा!
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड के अधिकांश भागों, उत्तरी राजस्थान के कई भागों, हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों, दक्षिणी बिहार, उत्तरी ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में भीषण गर्मी का प्रकोप है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों में भी भीषण गर्मी की स्थिति देखी गई। पश्चिमी झारखंड, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पंजाब, उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 45-47 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। उत्तर प्रदेश के कानपुर में सबसे अधिक 47.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
कब तक पहुंचेगा उत्तर भारत में मॉनसून?
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून के बिहार और झारखंड में 16-18 जून तक, उत्तर प्रदेश में 20-30 जून तक और दिल्ली में 27 जून के आसपास पहुंचने की उम्मीद है, जो राष्ट्रीय राजधानी के लिए सामान्य शुरुआत की तारीख है। पूर्व पृथ्वी विज्ञान सचिव माधवन राजीवन ने कहा कि सामान्य प्रगति के बाद मॉनसून का क्रम भंग हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगले 8-10 दिनों में बहुत ज्यादा प्रगति की उम्मीद नहीं है, इसलिए उत्तर भारत में इसकी शुरुआत में देरी हो सकती है। इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत में अत्यधिक तापमान और लू चलने की संभावना है।’
कहां तक पहुंचा है मॉनसून?
मौसम विभाग ने बताया कि मॉनसून अगले तीन से चार दिनों के दौरान ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी तक पहुंच सकता है। एक अधिकारी ने कहा, ‘बंगाल की खाड़ी में मॉनसून कमजोर है और इसके वहां से आगे बढ़ने का इंतजार है।’ मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर-पश्चिम से आने वाली गर्म हवाएं बंगाल की खाड़ी के ऊपर कमजोर मॉनसून पर हावी हो रही हैं और मध्य और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में गर्म मौसम की स्थिति को बढ़ा रही हैं।