New Delhi, G.Krishna: Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट की वैकेशन बेंच ने मंगलवार को केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि में 7 दिन बढ़ाने से संबंधित याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया। Supreme Court ने सवाल किया कि जब पिछले हफ्ते बेंच के एक सदस्य जस्टिस दीपांकर दत्ता वेकेशन बेंच में थे तो आपने ये क्यों नहीं मेंशन किया। इस मामले को आगे के निर्देशों के लिए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया गया।जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने केजरीवाल की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी के तत्काल सुनवाई की गुजारिश पर विचार करने से मना कर दिया है। मनु सिंघवी ने कहा कि मुख्यमंत्री को कुछ मेडिकल डेस्ट कराने के लिए अंतरिम जमान की अवधि में 7 दिन का विस्तार दिया जाना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि टेस्ट पूरा होने के बाद वो 9 जून को सरेंडर कर देंगे। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में निर्धारित अंतरिम जमानत की शर्तों का भी अरविंद केजरीवाल ने पालन किया है।
1 जून तक ही है अंतरिम जमानत
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को मौजूदा आम चुनावों के प्रचार के लिए 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। जिसकी समय सीमा 1 जून को खत्म हो रही है और उन्हें 2 जून तक आत्मसमर्पण करना है। सिंघवी ने जरूरत का हवाला देते हुए बेंच से मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने की गुजारिश की क्योंकि आत्मसमर्पण का समय नजदीक है, लेकिन बेंच ने कहा कि इस पर मुख्य न्यायाधीश फैसला लेंगे।
‘मेडिकल चेकअप के लिए चाहते हैं समय‘
अरविंद केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा, “बिना वजह के वजन कम होना जिंदगी के लिए खतरा पैदा करने वाली बीमारियों का लक्षण है। मेरे हेल्थ की यह स्थिति आंशिक रूप से जेल अधिकारियों के कठोर व्यवहार की वजह से है। जमानत का एक और सप्ताह मुझे हेल्थ से जुड़ी परेशानियों का जायजा लेने की अनुमति देगा।”