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बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा
बिहार अपना बजट भी खर्च नहीं कर पा रहा है।
विशेष राज्य का दर्जा का क्या कीजिएगा?
New Delhi, R Kumar: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा चाहिए। सीएम नीतीश कुमार सोते- जागते, खाते-पीते। यहां तक की सपने में भी यही सपना देखते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा चाहिए। दरअसल ये नीतीश जी का जो पेट में दांत है उसी की उपज है! वो उनको अच्छी तरह से पता है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने वाला नहीं है। लेकिन हर दिन उनका ये मांग सुन सुनकर बिहार की जनता पक गई है।
सच्चाई ये है कि तथाकथित विकास पुरुष नीतीश बाबू बिहार की जनता को बेवकूफ समझते हैं। ऐसे 18 साल से रोड,बिजली और सुशासन के नाम पर पलटीमार राजनीति का कृतिमान स्थापित करते हुए सत्ता में बने हुए हैं। उनसे सवाल पुछिए रोजगार, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य, निवेश, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था पर तो क्या किये तो कहेंगे, 2005 के पहले कुछ था जी बिहार में आपको पता नहीं है।
जब बात कीजिए तो जंगलराज,लालूराज का डर दिखाकर लोगों को डराए हुए हैं। ठीक है आपने कुछ काम किया है तो इसका मतलब क्या है कि आप से सवाल ना किये जाएं?
बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा
ताजा अपडेट ये है कि केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इंकार कर दिया है। अब क्या कीजिएगा? जाइए तेजस्वी जी के शरण में । ना आपको लाज है ना आपको शर्म। पिछले दिनों जो थुके हैं उसे चाटिए। ये तो आपकी आदत है। आपने बिहारी को पूरी दुनिया में अविश्वसनीय बना दिया है। आज लोग बिहारी मतलब पलटीमार कहने लगे हैं। सिर्फ आपकी वजह से। आपके पास इसका क्या जवाब है जरा बताइए…?
अपना बजट भी खर्च नहीं कर पा रहे हैं और चाहिए विशेष राज्य का दर्जा?
सीएजी के मुताबिक बिहार बजटीय आवंटन को भी ठीक से खर्च नहीं कर पा रहा है। ये मैं नहीं कह रहा हूं। सीएजी देश की सरकारी संस्था है। कुछ समझ में बात आ रही है? वित्त वर्ष 2023 में वह राजस्व खर्चा का 51 हजार 722 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाए। यह बजट का 22 फीसदी के बराबर है नीतीश बाबू। इसी तरह वह कैपिटल बजट का 14 हजार 786 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाए। यह उसके कैपिटल बजट के 24 फीसदी के बराबर है विकास बाबू। 2020 में 78 हजार 122 करोड़, 2021 में 75 हजार 926 करोड़ और 2022 में 70 हजार 83 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाए। बिहार वित्त वर्ष 2023 में 66 हजार 508 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाए। यह रकम उस राशि से कम है जो उसे स्पेशल कैटेगरी का दर्जा मिलने के बाद उसे मिलेगी।
गजब का आपका बिहार के विकास को लेकर बजटीय प्रबंधन है
दरअसल ये आपकी प्रशासनिक अक्षमता और कुप्रबंधन है। ये बात आप जब भी विशेष राज्य का दर्जा मांगते हैं तो लोगों को क्यों नहीं बताते हैं कि हम अपना बजट भी खर्च नहीं कर पा रहे हैं। और इनको चाहिए और पैसा। अजी साहब अब छोड़िए लोगों को बेवकूफ बनाना। आराम कीजिए। नहीं तो फिर पलटीमार कर राजद का लालटेन उठाइए। ना आपको बिहार से मतलब है और ना ही बिहारी से। आपको तो हर हाल में अपनी कुर्सी चाहिए। यही वजह है कि आजकल आपको नीतीश कुमार कम कुर्सी कुमार ज्यादा कहने लगे हैं।