SPOT TV | Best News Channel

Sptlogo
October 9, 2025 10:11 pm
Download
Whatsapp Image 2025 10 04 At 2.23.52 Pm
Search
Close this search box.
प्रेमानंद महाराज की तबीयत पर जानिए क्या आया बड़ा अपडेट?,भक्तों की आंखे हो रही नम।-प्रेमानंद महाराज की तबीयत पर जानिए क्या आया बड़ा अपडेट?,भक्तों की आंखे हो रही नम।-प्रेमानंद महाराज की तबीयत पर जानिए क्या आया बड़ा अपडेट?,भक्तों की आंखे हो रही नम।-प्रेमानंद महाराज की तबीयत पर जानिए क्या आया बड़ा अपडेट?,भक्तों की आंखे हो रही नम।-प्रेमानंद महाराज की तबीयत पर जानिए क्या आया बड़ा अपडेट?,भक्तों की आंखे हो रही नम।-प्रेमानंद महाराज की तबीयत पर जानिए क्या आया बड़ा अपडेट?,भक्तों की आंखे हो रही नम।-Bihar महिला सीनियर क्रिकेट टीम मोहाली के लिए रवाना, आगामी मुकाबलों के लिए तैयारी पूरी।-Bihar महिला सीनियर क्रिकेट टीम मोहाली के लिए रवाना, आगामी मुकाबलों के लिए तैयारी पूरी।-Bihar महिला सीनियर क्रिकेट टीम मोहाली के लिए रवाना, आगामी मुकाबलों के लिए तैयारी पूरी।-Bihar महिला सीनियर क्रिकेट टीम मोहाली के लिए रवाना, आगामी मुकाबलों के लिए तैयारी पूरी।

स्मट रोग और कीट हमलों से बचाव को लेकर विभाग ने जारी की जरूरी एडवाइजरी।

Share This News
Img 20250603 Wa0010
Patna: आजकल गन्ना के फसल में कीड़े लगना आम बात है। इसी को देखते हुए गन्ना उद्योग विभाग ने राज्य के गन्ना किसानों को सतर्क करते हुए एक अहम एडवाइजरी जारी की है। वर्तमान समय में गन्ने की फसल पर कीट और रोगों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है, विशेषकर ‘कलिका रोग’ (स्मट) और ‘शीर्ष छिद्रक कीट’ (टॉप बोरर) के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ुुुुुुुुर
कलिका (स्मट) रोग से होता है फसल को भारी नुकसान
यह रोग गन्ने का एक प्रमुख फफूंद जनित रोग है, जो मार्च के अंत से जून तक अधिक तापमान (32 से 38 डिग्री सेल्सियस) में तेजी से फैलता है। खासकर खराब प्रबंधन वाले खूंटी फसल क्षेत्रों में यह अधिक देखने को मिलता है। रोगग्रस्त पौधों की पत्तियां नुकीली और खजूर की तरह हो जाती हैं, जबकि फुनगी से काले चाबुकनुमा डंठल निकलते हैं जिनमें लाखों बीजाणु होते हैं। इससे ईख की गुणवत्ता, रस और चीनी की मात्रा में भारी गिरावट आती है।
बचाव के लिए विभाग की राय 
• संक्रमित गन्नों को प्लास्टिक बैग में जड़ समेत निकालकर नष्ट करें।
– ग्रसित पौधों को जड़ से निकालने के बाद गन्ना फसल केा प्रोपिकोनाजोल नामक फफुंद नाशी दवा 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर 15-20 दिनों के अंतराल पर 2 बार छिड़काव करना चाहिए जिससे रोग की तीव्रता कम हो।
– ग्रसित पौधे वाले खेतों से अगले फसल के लिए बीज का चुनाव नहीं करना चाहिए। वैसे खेतों में फसल चक्र अपनाएं ताकि पोषिता के अभाव में कलिका रोग के बीजाणु नष्ट हो जाएं। ऐसे खेतों में कम से कम दो वर्षों तक गन्ने की खेती नहीं करने की सलाह दी जाती है।
शीर्ष छिद्रक कीट से फसल को खतरा
यह कीट गन्ने की पत्तियों की मध्य शिरा में छेद कर नुकसान करता है, जिससे पौधे की बढ़ावर रुक जाती है और बगल से टहनियां निकलने लगती हैं जिसे ‘बंची टॉप’ कहते हैं।
इसे रोकने के लिए मसाले वाली फसलों के साथ अंतरफसल करने से प्रकोप कम हो जाता है। कीटों की निगरानी और बड़े पैमाने पर कीटों को फंसाने के लिए फसल की छतरी से 15 सेमी ऊपर एक प्रकाश जाल लगाना चाहिए।
स्मट रोग और शीर्ष छिद्रक जैसे खतरनाक रोग-कीटों पर नियंत्रण के लिए समुचित प्रबंधन बेहद जरूरी है। विभाग की ओर से जारी हुए एडवाइजरी में दिये गये उपायों को अपनाकर किसान न केवल अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि उपज, गुणवत्ता और आय में भी सुधार कर सकते हैं।
ईख अनुसंधान संस्थान , डा. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के निदेशक के अनुसार, इस वर्ष पूरे बिहार में गन्ने की फसल पर कलिका रोग और शीर्ष छिद्रक (टॉप बोरर) कीट का गंभीर प्रकोप देखा जा रहा है। ईख अनुसंधान संस्थान ने गन्ना उत्पादक किसानों से आग्रह किया है कि वे अपनी फसल की साप्ताहिक निगरानी करें और समय रहते रोग व कीट नियंत्रण के उपाय अपनाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories updates

प्रेमानंद महाराज की तबीयत पर जानिए क्या आया बड़ा

वृंदावन,न्यूज डेस्क: प्रेमानंद महाराज आज की तारीख में किसी परिचय के मोहताज.

Bihar महिला सीनियर क्रिकेट टीम मोहाली के लिए रवाना,

पटना: प्रगति सिंह के नेतृत्व में बिहार महिला सीनियर क्रिकेट टीम रविवार.

जम्मू में वैष्णो देवी रूट पर भूस्खलन, 5 की

Vaishno Devi Landslide: इस वक्त की बड़ी खबर जम्मू-कश्मीर से आ रही.