Mumbai: 30 अप्रैल 2025 को WAVES OTT पर रिलीज़ हुई 7-एपिसोड की राजनीतिक ड्रामा वेब सीरीज़ सरपंच साहब ने स्ट्रीमिंग की दुनिया में तहलका मचा दिया है। पिछले एक महीने से यह नंबर 1 ट्रेंडिंग शो बनी हुई है, जो ग्रामीण भारत की सियासत को एक अनोखे अंदाज़ में पेश करती है। सोनू सूद और सोनाली सूद द्वारा निर्मित, और शाहिद खान के कुशल निर्देशन में बनी यह सीरीज़ काल्पनिक गाँव रामपुरा में सत्ता, भ्रष्टाचार, विद्रोह, और सुधार की कहानी को हास्य, भावनाओं, और गहराई के साथ बुनती है। 3.5/5 की रेटिंग के साथ, यह सीरीज़ मनोरंजन, प्रेरणा, और ग्रामीण जीवन की सच्चाई का एक शानदार मिश्रण है।
शाहिद खान का जादुई निर्देशन और लेखनी
शाहिद खान ने अपने पहले निर्देशन में ही साबित कर दिया कि वह कहानी कहने के उस्ताद हैं। उन्होंने न केवल इस सीरीज़ का निर्देशन किया, बल्कि कहानी, स्क्रीनप्ले, और संवाद भी लिखे। रामपुरा की धूल-धूसरित गलियों और सियासी चालबाज़ियों को उनकी लेखनी ने इस तरह जीवंत किया कि हर दृश्य दर्शकों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। उनके संवाद कभी हँसी से लोटपोट करते हैं, कभी आँखें नम कर देते हैं, और कभी गहरे सवाल छोड़ जाते हैं। शाहिद की यह जादुई लेखनी सरपंच साहब को एक अविस्मरणीय अनुभव बनाती है।
कहानी का दिल: रामपुरा की सियासत
सरपंच साहब की कहानी रामपुरा के इर्द-गिर्द घूमती है, जहाँ सत्ता का खेल, भ्रष्टाचार की जड़ें, और बदलाव की बयार एक साथ टकराते हैं। यह सीरीज़ केवल सियासत की कहानी नहीं, बल्कि गाँव के आम लोगों की आकांक्षाओं, सपनों, और संघर्षों का चित्रण है। संजू (अनुज सिंह ढाका) और झुनिया (समायरा खान) जैसे किरदार युवा भारत की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाते हैं, जो भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ खड़े होने का साहस रखते हैं। वहीं, लठ्ठन (विजय कुमार पांडे) जैसे किरदार हल्के-फुल्के पलों के साथ कहानी को संतुलित करते हैं।
स्टार-स्टडेड कास्ट: हर किरदार में जान
सरपंच साहब की सबसे बड़ी ताकत है इसका शानदार कलाकार दल, जो हर किरदार को जीवंत बनाता है। कास्टिंग डायरेक्टर साबिर अली ने हर रोल के लिए सटीक चेहरों का चयन किया, जिससे रामपुरा का हर पात्र असली और प्रामाणिक लगता है।
विनीत कुमार (महेंद्र सिंह): महारानी फेम विनीत कुमार ने भ्रष्ट सरपंच महेंद्र सिंह के किरदार में खलनायकी को नया आयाम दिया। उनकी दमदार स्क्रीन प्रेज़ेंस और सूक्ष्म अभिनय कहानी को मज़बूत आधार देता है।
पंकज झा: पंचायत में अपनी गंभीर छवि के लिए जाने जाने वाले पंकज झा यहाँ एक मज़ेदार और अनोखे किरदार में नज़र आते हैं। उनका यह नया अवतार दर्शकों को हैरान और खुश दोनों करता है।
सुनीता राजवार (भूरी): भूरी के किरदार में सुनीता राजवार एक ऐसी महिला को पेश करती हैं, जो ग्रामीण समाज की जटिलताओं में भी अपनी ताकत और गरिमा बनाए रखती है। उनका अभिनय दर्द, ममता, और साहस का ऐसा मिश्रण है कि दर्शक भूरी के किरदार से गहरे जुड़ जाते हैं।
युक्ति कपूर: मैडम सर फेम युक्ति कपूर एक सशक्त महिला किरदार में चमकती हैं, जो ग्रामीण सियासत में महिलाओं की भागीदारी को प्रेरक बनाता है। उनकी स्क्रीन प्रेज़ेंस कहानी को और गहराई देती है।
अनुज सिंह ढाका (संजू): नायक संजू के रूप में अनुज सिंह ढाका ने शानदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। संजू एक युवा ग्रेजुएट है, जो महेंद्र सिंह की भ्रष्ट सियासत में फंसकर त्रासदी और विश्वासघात का सामना करता है, फिर भी साहस के साथ उनके 30 साल के शासन को चुनौती देता है।
विजय कुमार पांडे (लठ्ठन): लठ्ठन के किरदार में विजय पांडे ने अपनी ठेठ देसी शैली, चुटीले संवादों, और बेदाग कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों का दिल चुरा लिया। उनका हर सीन हँसी और मनोरंजन का उत्सव है।
नीरज सूद: अग्निपथ, 83, और रॉकेट सिंह जैसी फिल्मों में अपनी छाप छोड़ने वाले नीरज सूद यहाँ एक ईमानदार शिक्षक की भूमिका में हैं। उनका किरदार नैतिकता और गाँव के युवाओं को प्रेरित करने की भावना का प्रतीक है।
सहायक कलाकार: कुमार सौरभ, अभिनेता केपी, सुमन पटेल, बुल्लू कुमार, और समायरा खान (झुनिया) ने भी अपनी खास छाप छोड़ी। झुनिया की सरकारी नौकरी की लालसा ग्रामीण युवाओं की महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है।
साबिर अली की कास्टिंग का कमाल
कास्टिंग डायरेक्टर साबिर अली ने हर किरदार के लिए इतने सटीक कलाकार चुने कि रामपुरा का हर पात्र जीवंत और विश्वसनीय लगता है। उनकी कास्टिंग इस सीरीज़ की रीढ़ है, जो हर किरदार को गाँव की मिट्टी से जोड़ती है।
तकनीकी उत्कृष्टता: रामपुरा की आत्मा परदे पर
सरपंच साहब की तकनीकी टीम ने ग्रामीण भारत की सियासत और सौंदर्य को बारीकी से कैद किया है:
सिनेमैटोग्राफ़ी: धूल भरी गलियाँ, रंग-बिरंगे चुनावी पोस्टर, और पंचायत भवन की गंभीरता—हर फ्रेम में रामपुरा की आत्मा बसती है। सिनेमैटोग्राफर ने गाँव के दृश्यात्मक सौंदर्य को खूबसूरती से उभारा है।
बैकग्राउंड स्कोर: संगीत कहानी के उतार-चढ़ाव और भावनात्मक रंगों को और गहरा करता है, जो हर दृश्य को और प्रभावशाली बनाता है।
संपादन (मनोज बी. काले): मनोज बी. काले का धारदार संपादन हर एपिसोड को एक रोचक अध्याय की तरह प्रस्तुत करता है, जो कहानी को गति और तीव्रता देता है।
थीम और संदेश: साहस और बदलाव की प्रेरणा
सरपंच साहब केवल एक सियासी ड्रामा नहीं, बल्कि साहस, बदलाव, और आशा की कहानी है। संजू का भ्रष्ट सत्ता के खिलाफ विद्रोह और झुनिया की सरकारी नौकरी की लालसा ग्रामीण भारत के युवाओं की भावनाओं को उजागर करती है। गंभीर सियासी मुद्दों के बीच लठ्ठन और पंकज झा के दृश्य हल्के-फुल्के पल लाते हैं, जो कहानी को संतुलित और मनोरंजक बनाते हैं। यह सीरीज़ दर्शकों को न केवल मनोरंजन देती है, बल्कि सामाजिक बदलाव और सशक्तिकरण के लिए प्रेरित भी करती है।
क्यों देखें सरपंच साहब?
WAVES OTT पर मुफ्त स्ट्रीमिंग की सुविधा के साथ, सरपंच साहब सियासी ड्रामे, जीवंत किरदारों, और ग्रामीण भारत की कहानियों के शौकीनों के लिए एक अनमोल रत्न है। सोनू सूद का प्रोडक्शन डेब्यू, शाहिद खान का निर्देशन, और एक शानदार कलाकार दल इसे एक यादगार अनुभव बनाते हैं। विजय पांडे का लठ्ठन आपको हँसाएगा, सुनीता राजवार की भूरी आपके दिल को छूएगी, और संजू का साहस आपको प्रेरित करेगा।
निष्कर्ष: गाँव की गद्दी का जादुई खेल
सरपंच साहब सोनू सूद की दूरदर्शी प्रोडक्शन, शाहिद खान की जादुई लेखनी, साबिर अली की शानदार कास्टिंग, और कलाकारों की बेमिसाल अदाकारी का उत्सव है। यह सीरीज़ गाँव की गद्दी के सियासी खेल को एक जादुई कहानी में बदल देती है, जो हर दिल पर राज करती है। WAVES OTT पर इस ग्रामीण सियासी महाकाव्य को ज़रूर देखें, जो न केवल मनोरंजन करता है, बल्कि गाँव की मिट्टी की सच्चाई को भी उजागर करता है।