नई दिल्ली:नागरिकता संशोधन कानून जिसे अंग्रेजी में Citizenship Amendment Act कहते हैं। यानी CAA । नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन पर अमेरिका की टिप्पणी पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून पर अमेरिका की चिंता गलत, अनुचित और अनपेक्षित है। रणधीर जायसवाल ने कहा, “CAA भारत का आंतरिक मामला है। CAA नागरिकता देने वाला कानून है, लेने वाला नहीं। उन्होंने साफ किया कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। अल्पसंख्यकों के प्रति चिंता का कोई आधार नहीं है।
पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को मिलेगी नागरिकता।
नागरिकता संशोधन कानून तहत, तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जा सकेगी। CAA के तहत पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुस्लिम समुदाय को छोड़कर बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। CAA का नोटिफिकेशन जारी के होने के बाद अमेरिका ने गुरुवार को कहा था कि वह सीएए के नोटिफिकेशन को लेकर चिंतित है और इस पर नजर बनाए हुए है।
नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, “भारत ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन विधेयक का नोटिफिकेशन जारी किया है। इसको लेकर हम चिंतित हैं। हम इस पर नजर बनाए हुए हैं कि इस कानून को किस तरह से लागू किया जाएगा। धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और कानून के तहत सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांत हैं।”
CAA से नहीं जाएगी किसी की नागरिकता।
अमेरिका को दो टूक जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को कहा, “CAA अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आ चुके हैं। CAA से नागरिकता मिलेगी, इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “CAA राज्यविहीनता के मुद्दे को संबोधित करता है.। मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है।”
चिंता का कोई आधार नहीं ।
जयसवाल ने आगे कहा, ”जहां तक अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संबंध है, भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता या व्यवहार का कोई आधार नहीं है। वोट बैंक की राजनीति को संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए एक प्रशंसनीय पहल के बारे में विचार निर्धारित नहीं करना चाहिए।”
CAA पर मोदी सरकार का अमेरिका को करारा जवाब, कहा-ये भारत का आंतरिक मामला है।
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून जिसे अंग्रेजी में Citizenship Amendment Act कहते हैं। यानी CAA । नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन पर अमेरिका की टिप्पणी पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून पर अमेरिका की चिंता गलत, अनुचित और अनपेक्षित है। रणधीर जायसवाल ने कहा, “CAA भारत का आंतरिक मामला है। CAA नागरिकता देने वाला कानून है, लेने वाला नहीं। उन्होंने साफ किया कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। अल्पसंख्यकों के प्रति चिंता का कोई आधार नहीं है।
पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को मिलेगी नागरिकता।
नागरिकता संशोधन कानून तहत, तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जा सकेगी। CAA के तहत पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुस्लिम समुदाय को छोड़कर बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। CAA का नोटिफिकेशन जारी के होने के बाद अमेरिका ने गुरुवार को कहा था कि वह सीएए के नोटिफिकेशन को लेकर चिंतित है और इस पर नजर बनाए हुए है।
नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, “भारत ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन विधेयक का नोटिफिकेशन जारी किया है। इसको लेकर हम चिंतित हैं। हम इस पर नजर बनाए हुए हैं कि इस कानून को किस तरह से लागू किया जाएगा। धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और कानून के तहत सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांत हैं।”
CAA से नहीं जाएगी किसी की नागरिकता।
अमेरिका को दो टूक जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को कहा, “CAA अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आ चुके हैं। CAA से नागरिकता मिलेगी, इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “CAA राज्यविहीनता के मुद्दे को संबोधित करता है.। मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है।”
चिंता का कोई आधार नहीं ।
जयसवाल ने आगे कहा, ”जहां तक अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संबंध है, भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता या व्यवहार का कोई आधार नहीं है। वोट बैंक की राजनीति को संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए एक प्रशंसनीय पहल के बारे में विचार निर्धारित नहीं करना चाहिए।”
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