नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर लगातार दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है वहीं अब दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव का मुद्दा भी बन गया है। आपको याद होगी पिछले दिनों विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने (12 अप्रैल) को कहा था कि चीन ने भारत की जमीन पर एक इंच भी कब्जा नहीं किया है। लेकिन उनके इस बयान पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि लोगों को गुमराह करने के लिए ये शब्दों का खेल खेला जा रहा है।
मंत्री लोगों को गुमराह कर रहे हैं
एआईएमआईएम चीफ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक अंग्रेजी वेबसाइट का लिंक शेयर किया जिसमें एस जयशंकर के बयान का जिक्र किया गया। उन्होंने कहा, “ये मंत्री लोगों को गुमराह करने के लिए शब्दों का खेल खेल रहे हैं। लेह एसपी की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि हमारे सैनिक लद्दाख के 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 पर जाने में असमर्थ हैं। क्या यह चीनियों द्वारा क्षेत्र पर भारतीय नियंत्रण से इनकार नहीं है?”
सरकार सच्चाई छिपाती रही है
Asaduddin Owaisi ने सवाल करते हुए आगे कहा, “क्या चीन देपसांग में भारतीय सैनिकों को नहीं रोक रहे हैं ताकि हम उन क्षेत्रों में गश्त नहीं कर सकें। जहां 2020 तक गश्त की जा रही थी? क्या यह क्षेत्र का नुकसान नहीं है? हम चीनियों से सैन्य और कूटनीतिक तौर पर बात क्यों कर रहे हैं? ये सरकार सच्चाई छिपाती रही है। इसने संसद में मेरे सवालो का जवाब देने से इनकार कर दिया और इस मुद्दे पर कोई बहस नहीं की। अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो पत्रकारों को पूर्वी लद्दाख में फ्रंटलाइन में क्यों नहीं ले जाया जाता जैसा कि कारगिल में लिया गया था?”
‘पूर्वी लद्दाख में भारत ने अपना कंट्रोल खो दिया’
हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा, “मामले का तथ्य यह है कि 2020 के बाद से, भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के हाथों क्षेत्र का नियंत्रण खो दिया है। हमारे सैनिक कई क्षेत्रों में गश्त करने में असमर्थ हैं और न तो जयशंकर और न ही उनके बॉस चीनियों से यथास्थिति पर लौटने के लिए कह रहे हैं। यह दावा करें कि देपसांग, डेमचोक और अन्य जगहों पर कोई समस्या नहीं है। भारत तब स्थायी रूप से लद्दाख में क्षेत्र का नियंत्रण खो देगा। यह मंत्री के भ्रामक बयानों की कीमत है।”अब एआईएमआईएम चीफ ओवैसी के आरोप के बाद केंद्र की मोदी सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। क्योंकि ये देश से जुड़ा गंभीर मामला है।