HIGHLIGHTS
- Trump पर हमला सुरक्षा में चूक या साजिश!
- हमलावर रिपब्लिकन पार्टी से जुड़ा था।
- ट्रंप पर हमले के बाद उठ रहे सवाल?
Pennsylvania, News Desk: Donald Trump पर हुए Attack ने अमेरिका समेत पूरी दूनिया में सनसनी फैला दी है। हर तरफ ये चर्चा जोरों पर है कि ये घटना सुरक्षा में चूक है या साजिश का हिस्सा। आपको बता दें कि अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट खेमे के नेता प्रचार में पूरी ताकत लगा रखे हैं। इस बीच, रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप पर गोलीबारी की गई है। इस हमले में गोली ट्रंप के कान को छूकर निकल गई। फिलहाल ट्रंप सुरक्षित हैं। कथित तौर पर हमला करने वाले एक शूटर को सीक्रेट सर्विस ने मार गिराया है। रैली में मौजूद एक अन्य शख्स की मौत भी हुई है। इस बीच, जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump से बात की है। भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की है।
रिपब्लिकन पार्टी से जुड़ा था Trump का हमलावर
इस बीच जांच में खुलासा हुआ है कि डोनाल्ड ट्रंप पर हमले का आरोपी थॉमस मैथ्यू क्रुक्स रिपब्लिकन पार्टी से ही जुड़ा था और वह नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में पहली बार वोट करने वाला था। अमेरिका में वोट देने की न्यूनतम उम्र 18 साल है। ट्रंप की जहां रैली हो रही थी, वहां से आरोपी 56 किलोमीटर दूर बेथल पार्क इलाके में रहता था। बेथल पार्क की निर्वाचन लिस्ट की जांच से आरोपी के रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े होने का पता चला। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप भी रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। ऐसे में रिपब्लिकन पार्टी समर्थक होने के बावजूद उसके पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार Donald Trump पर हमले की घटना हैरान करने वाली है। आरोपी युवक को ट्रंप पर हमले के कुछ देर बाद ही सीक्रेट सर्विस के जवानों ने गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। आरोपी पेन्सिल्वेनिया के बेथल पार्क इलाके का निवासी था।
पूर्व राष्ट्रपति पर हमला सुरक्षा में चूक या साजिश!
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump के ऊपर हुए जानलेवा हमले की तस्वीरें जिसने भी देखी, उसे यकीन नहीं हो रहा है। चुनावी रैली में ताबड़तोड़ गोलियां चलीं और एक गोली ट्रंप के कानों को छूती हुई निकल गई। इस जानलेवा हमले में उनकी जान बाल-बाल बच गई, लेकिन पेंसिलवेनिया की रैली में हुई ये घटना तमाम सवाल भी खड़े कर गई है।
सबसे बड़ा सवाल ये कि कैसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क के पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई? कैसे हमलावर ट्रंप की चुनावी रैली के इतने करीब हथियार लेकर पहुंच गया? कैसे ट्रंप के सुरक्षा घेरे में तैनात एजेंसी को इसकी भनक तक नहीं लगी? दरअसल, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा का जिम्मा यूएस सीक्रेट सर्विस का होता है।
यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट हर पल पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा में तैनात होते हैं। वो जहां भी जाते हैं, सीक्रेट सर्विस के एजेंट उनके साथ-साथ रहते हैं। ऐसे में ट्रंप पर हमले के बाद सवाल उठ रहे है कि जब पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा इतनी चाक चौबंद होती है तो कैसे उन पर गोली चली? क्या उन पर किसी साजिश के तहत हमला किया गया है?
महज 100 मीटर की दूरी से कैसे एक शूटर ने Donald Trump को निशाना बनाया? इस दौरान सीक्रेट सर्विस क्या कर रही थी? छत से यदि निशाना बनाया गया तो उसके एजेंट क्या कर रहे थे? रैली की आसपास की बिल्डिंग की छतों पर सीक्रेट सर्विस क्यों नहीं मुस्तैद थी? सवाल कई हैं और एफबीआई सहित कई अमेरिकी एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुटी हैं। इस बीच Donald Trump पर हुए हमले ने अमेरिकी सुरक्षा और खुपिया एजेंसियों में खलबली मचा दी है।