
नई दिल्ली,जी.कृष्ण: संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी अपने पालतू कुत्ते को साथ लेकर संसद परिसर पहुंचीं। उनकी इस एंट्री ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। जहां कांग्रेस सांसद इसे अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और “नो-थ्रेट” बताते हुए सामान्य मामला बता रही हैं, वहीं बीजेपी ने इसे संसद की मर्यादा और विशेषाधिकारों का दुरुपयोग बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
बीजेपी के कई सांसदों ने इस मामले पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि संसद सर्वोच्च संस्थान है, जहां सुरक्षा और मर्यादा से जुड़े नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से इस कदम को “विशेषाधिकारों का दुरुपयोग” मानते हुए कार्रवाई की मांग भी की।
रेणुका चौधरी का पलटवार
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए रेणुका चौधरी ने कहा, “मेरे कुत्ते से किसी को कोई खतरा नहीं है। खतरे तो संसद में और भी हैं, उनका कोई समाधान नहीं खोज रहा।” उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी नियम को तोड़ना नहीं था, और भाजपा सिर्फ मुद्दों से भटकाने के लिए इस मामले को तूल दे रही है।
राजनीतिक माहौल गरमाया
घटना के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा इस मामले को ‘सदन की गरिमा’ से जोड़ रही है, जबकि कांग्रेस सांसद इसे “गैर-मुद्दे को मुद्दा बनाने की राजनीति” बता रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क:
संसद सुरक्षा ने मामले की जांच शुरू कर दी है कि क्या पालतू जानवर को संसद परिसर में प्रवेश की अनुमति थी, और यह मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल के अंतर्गत कैसे संभव हुआ।
जानकारों की मानें तो मामला भले ही छोटा दिखे, लेकिन इसे लेकर दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक टकराव सत्र के शेष दिनों में भी जारी रहने की संभावना है।


