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1.30 लाख स्थानांतरित शिक्षकों को 20 जून तक कर दिया जाएगा नए स्कूलों का आवंटन।-1.30 लाख स्थानांतरित शिक्षकों को 20 जून तक कर दिया जाएगा नए स्कूलों का आवंटन।-1.30 लाख स्थानांतरित शिक्षकों को 20 जून तक कर दिया जाएगा नए स्कूलों का आवंटन।-1.30 लाख स्थानांतरित शिक्षकों को 20 जून तक कर दिया जाएगा नए स्कूलों का आवंटन।-1.30 लाख स्थानांतरित शिक्षकों को 20 जून तक कर दिया जाएगा नए स्कूलों का आवंटन।-1.30 लाख स्थानांतरित शिक्षकों को 20 जून तक कर दिया जाएगा नए स्कूलों का आवंटन।-बांका के गौरीपुर गांव को रिकार्ड समय में पेयजल संकट से मिली आजादी।-बांका के गौरीपुर गांव को रिकार्ड समय में पेयजल संकट से मिली आजादी।-बांका के गौरीपुर गांव को रिकार्ड समय में पेयजल संकट से मिली आजादी।-बांका के गौरीपुर गांव को रिकार्ड समय में पेयजल संकट से मिली आजादी।

बांका के गौरीपुर गांव को रिकार्ड समय में पेयजल संकट से मिली आजादी।

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Highlights

* गांव की महिलाएं नदी की रेत खोदकर चुआरी से पीने और खाना बनाने के लिए लाती थीं पानी ।
* महज 15 दिनों में गांव के 210 घरों को पाइप लाइन से की गई पेयजल की आपूर्ति ।
* बिजली के अभाव में भी ग्रामीणों को नहीं करना होगा पेयजल संकट का सामना, बसावट के समीप लगाए गए तीन-तीन चापाकल ।

Banka: जिला के दोमुहान पंचायत के गौरीपुर गांव में देश की आजादी के 77 वर्ष बाद एक नई सुबह ने दस्तक दी है। अब गांव की महिलाओं को नदी का बालू खोदकर चुआरी से पीने और खाना बनाने के लिए पानी का इंतजाम करने वाली समस्या से मुक्ति मिल चुकी है। गौरीपुर गांव में महज 15 दिनों के अंदर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रयास से न केवल तीन चापाकल स्थापित किए गए बल्कि गांव के कुल 210 घरों में हर घर नल का जल निश्चय योजना के तहत पाइप लाइन के माध्यम से पीने के शुद्ध पानी की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।

इस गांव में पेयजल की समस्या कोई नई नहीं थी। बताया जाता है कि आजादी से पहले और उसके बाद भी लोगों को पीने के पानी के लिए नदियों की रेत खोदकर चुआरी से पानी एकत्र करना पड़ता था। इसके अलावा गांव के कुछ पुराने कुओं पर ग्रामीणों का जीवन निर्भर था। ऐसा नहीं है कि बांका जिले के दोमुहान पंचायत का गौरीपुर गांव सूबे के किसी सुदूर गांव में शामिल है। यह गांव बांका जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को इसकी जानकारी बांका के जिलाधिकारी के माध्यम से प्राप्त हुई थी। उपलब्ध कराई गई जानकारी पर विभाग ने त्वरित संज्ञान लेते हुए अपनी कार्रवाई शुरू की।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हर घर नल का जल निश्चय योजना के तहत गौरीपुर गांव के कुल 210 घरों में पाइप लाइन के माध्यम से 1,000 से ज्यादा लोगों को अब सीधे घरों में ही शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो रही है। इतना ही नहीं, ग्रामीणों की सुविधा के लिए गांव के बसावट के समीप तीन चापाकल भी स्थापित किए गए हैं। ताकि ग्रामीणों को बिजली के अभाव में भी जल संकट का सामना न करना पड़े। अब गांव की महिलाओं को चुआरी से पानी एकत्र करने की पुरानी समस्या से पूरी तरह आजादी मिल चुकी है। इस पहल के लिए गौरीपुर गांव के निवासियों ने विभाग को सार्वजानिक धन्यवाद ज्ञापन भी दिया है।

इस सन्दर्भ में मंत्री, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, नीरज कुमार सिंह ने कहा कि, “मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में राज्य सरकार सभी ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के प्रति संकल्पित है। विभाग की प्राथमिकता है कि किसी भी पेयजल संबंधित शिकायत पर त्वरित कार्रवाई हो और हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचे। गौरीपुर गांव में रिकॉर्ड समय में हुआ कार्य इसी प्रतिबद्धता का उदाहरण है।”

विदित हो की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की “हर घर नल का जल” निश्चय योजना का उद्देश्य बिहार के हर नागरिक को बगैर किसी भेदभाव के स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत अबतक राज्य के 1.75 करोड़ से भी अधिक घरों में गृह जल संयोजन प्रदान कर स्वच्छ और नियमित जलापूर्ति की जा रही है। साथ ही विभाग द्वारा जलापूर्ति संबंधित किसी भी समस्या के निष्पादन के लिए एक व्यापक शिकायत निवारण प्रणाली भी स्थापित है जिसके माध्यम से आमजन जलापूर्ति संबंधित शिकायत के लिए टोल-फ्री नंबर(1800-123-1121/1800-345-1121/155367), व्हाट्सएप नंबर (8544429024/8544429082) या ‘स्वच्छ नीर’ मोबाइल ऐप का उपयोग कर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

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