- जुलाई में जिलाधिकारी को दिया गया था शिकायती पत्र
- तहसील दिवस पर पुनः दिया गया शिकायती पत्र
- आखिर जिलाधिकारी के आदेश के बाद कितनी बार होगी जांच?
- सुप्रीम कोर्ट के दिए गए आदेशों का हो रहा है खुला उल्लंघन
- योगी सरकार के एक्शन मोड से मंडी समिति बेखौफ!
पवन उपाध्याय
मऊ। सूबे की योगी सरकार नदी, झील और पोखरी पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में है लेकिन गोंठा बाजार स्थित मंडी समिति पर योगी सरकार के एक्शन का कोई खौफ नहीं है। मंडी समिति ने खुलेआम 66 बिसवा पोखरी को चारदीवारी बनाकर घेरे में ले लिया है और मिट्टी पाट कर पोखरी के अस्तित्व को समाप्त कर दिया है। इस बाबत प्रवीण राय ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की थी जिसकी जांच घोसी तहसील के स्टाफ द्वारा कराई गई और अपनी जांच आख्या में बताया गया कि गाटा संख्या 932 पोखरी की भूमि है जो मंडी समिति द्वारा बाउंड्री के अंतर्गत मिट्टी पाट कर कब्जा कर लिया गया है और यह तथ्य संज्ञान में आने के बावजूद भी स्थानीय कर्मचारी व प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के दिए गए हिंचलाल तिवारी बनाम यूपी स्टेट के दिए गए आदेशों का खुला उल्लंघन कर रहे हैं जिससे संपत्ति ग्रामसभा की क्षति है।
प्रवीण राय ने बताया कि इस पोखरी में छठ व्रत एवं जीवित्पुत्रिका व्रत का पूजा पाठ होता था इसके अलावा रामलीला के सजीव मंचन के दौरान घरनाय बनाकर रामलीला का धार्मिक क्रियाकलाप भी संपादित होता है जिससे धार्मिक भावना भी आहत होने के साथ हिंदू जनमानस में काफी आक्रोश है।
गौरतलब है कि प्रवीण राय ने 3 जुलाई 2024 को एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी को सौंपा था जिसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर तत्कालीन तहसीलदार धर्मेंद्र कुमार पाण्डेय ने टीम गठित कर जांच आख्या मंगवाया था लेकिन तहसीलदार का तबादला होने के बाद कार्यवाही ठंडे बस्ते में चली गई। उसके बाद 16 नवंबर 2024 को तहसील समाधान दिवस पर एक बार फिर जिलाधिकारी के समक्ष शिकायती पत्र के जरिए उन्हें अवगत कराया गया। तत्काल जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र ने नवागत तहसीलदार शैलेंद्र कुमार सिंह को कार्रवाई करने को कहा। तहसीलदार ने जांच करने की बात कही। हालांकि तहसील प्रशासन की उदासीन रवैया से जनता भलीभांति परिचित है।
अब सवाल ये है कि क्या तहसील प्रशासन पोखरी को लेकर इतनी उदासीन क्यों है? क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इन पर कोई असर नहीं है? यक्ष प्रश्न हैं।
“तहसील दिवस पर इसकी जानकारी हुई इस मसले को अपने स्तर से जांच करवा रहे हैं। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी – शैलेंद्र कुमार सिंह, तहसीलदार घोसी”