New Delhi, G.Krishna: NEET यूजी धांधली मामले में गुरुवार को छात्रों की बड़ी हाथ लगी। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा परिणाम में अनियमितता को देखते हुए एनटीए को 1563 छात्रों का ग्रेस मार्क्स रद्द करके फिर से नीट परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट का Grace Marks रद्द करने का निर्देश
आपको याद होगा कि 67 छात्रों को 720 में से 720 मार्क्स मिलने पर जब एनटीए से सवाल पूछा गया था तो एनटीए इसके पीछे की वजह ग्रेस मार्क्स बताया था। एनटीए ने अपनी सफाई में कहा था कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर लॉस ऑफ टाइम की वजह से कुल 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं जिसकी वजह से 44 छात्रों के मार्क्स 720 हुए। हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद एनटीए को ग्रेस मार्क्स रद्द करने का निर्देश दिया गया।
Grace Marks पाने वाले छात्रों के पास ये दो विकल्प
अब ग्रेस मार्क्क पाने वाले स्टूडेंट्स के पास दो विकल्प है। ये छात्र या तो 23 जून को री-एग्जाम में बैठ सकते हैं या फिर बिना ग्रेस मार्क्स वाले पुराने स्कोर के साथ ही काउंसलिंग की तरफ आगे बढ़ सकते हैं। जिन कैंडिडेट को कॉन्फिडेंस है कि वे दोबारा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो वे री-एग्जाम में शामिल होने का फैसला ले सकते हैं। आप ये भी जान लीजिए कि सिर्फ 1563 छात्रों का ही नीट एग्जाम दोबारा होगा। बाकी स्टूडेंट्स को कोई परेशानी नहीं है। साथ ही नीट यूजी काउंसलिंग पर रोक नहीं रहेगी। 23 जून को दोबार नीट एग्जाम होगा और 30 जून को इसका रिजल्ट घोषित होने की उम्मीद है। ताकि जुलाई में नीट की काउंसलिंग शुरू हो सके। NTA की तरफ से कहा गया कि छात्रों का डर दूर करने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है।