जौनपुरः अपहरण व रंगदारी मांगने के मामले में पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट शरद कुमार त्रिपाठी ने धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम को इस मामले में दोषी करार दिया है। ये मामला नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी का है।
ये है पूरा मामला।
नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण, रंगदारी मांगने, धमकाने और आपराधिक साजिश का मामला है। अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कहा कि इस मामले में अभियुक्तगण द्वारा जेल में बिताई गई अवधि सजा की अवधि में समायोजित की जाएगी। अदलत के आदेश से दोनों अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल भेज दिया गया।
करीब तीन साल दस महीने पहले नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण कराने, रंगदारी मांगने और गालीगलौज कर धमकाने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ केस चल रहा था। अब इस मामले में पूर्व सांसद को सात साल की सजा सुनाई गई है।
चुनाव लड़ने की तैयारी में थे धनंजय सिंह।
धनंजय सिंह जौनपुर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब इसकी संभावना खत्म हो गई है। भाजपा ने यहां से मुंबई में उत्तर भारतीयों के नेता के रूप में पहचान रखने वाले कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। इसके साथ ही यह भी तय हो गया कि अब धनंजय सिंह लोकसभा और विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाऐंगे। वहीं धनंजय सिंह ने कहा कि ये पूरी तरह से हमारे खिलाफ साजिश है और मुझे चुनाव से रोकने की साजिश है।