SPOT TV | Best News Channel

Sptlogo
October 19, 2025 11:42 pm
Download
Whatsapp Image 2025 10 04 At 2.23.52 Pm
Search
Close this search box.

रविवार को होगा होलिका दहन, जान लें मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि।

Share This News

Holika Dahan

नई दिल्ली: ऊं होलिकाय नम:। होलिका को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, होलिका दहन की विधिवत पूजा करने से घर में नकरात्मक शक्तियां दूर होती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। होलिका ने भक्त प्रह्लाद को आग में जलाकर मारने की कोशिश की थी, लेकिन विष्णु कृपा से वह स्वयं जलकर मर गई। सनातन धर्म में होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित प्रदोष काल मुहूर्त में करने का विधान है। लेकिन जब भद्रा लगी होती है तो होलिका दहन नहीं किया जाता है।

रविवार को है होलिका दहन

हिंदू पर्व और त्योहार उदयातिथि के आधार पर मनाए जाते हैं, ये बात सही है, लेकिन यह नियम सभी पर हर वक्त समान रूप से लागू नहीं होता है। कई बार उचित तिथि में मुहूर्त के आधार पर व्रत और त्योहार की तारीख तय की जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन के लिए आवश्यक फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च रविवार को दिन में 09:23 बजे के बाद से लग रही है और 25 मार्च सोमवार को दिन में 11:31 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च को होगी, लेकिन उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 09:23 बजे के बाद खत्म हो जाएगी, ऐसे में होलिका दहन रविवार 24 मार्च को करना ही सर्वोत्तम है।

होलिका दहन 2024 मुहूर्त
24 मार्च, रविवार को रात में 10:28 बजे भद्रा खत्म हो जा रहा है, उसके बाद आप होलिका दहन कर सकते हैं। ऐसे में होलिका दहन का मुहूर्त रात 10:28 पीएम के बाद से है।

होलिका दहन के मंत्र

होलिका दहन का अनुष्ठान करते समय ये 5 मंत्र बोलना शुभ होता है।
ऊं प्रहलादाय नम:
ऊं नृसिंहाय नम:
ऊं होलिकाय नम:
अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः।अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्‌ ॥
अनेन अर्चनेन होलिकाधिष्ठातृदेवता प्रीयन्तां नमम्।

होलिका दहन की विधि
1. होलिका दहन वाले दिन शुभ मुहूर्त में होलिका के पास दक्षिण दिशा में एक कलश स्थापित कर दें। उसके बाद पंच देवताओं की पूजा करें।

2. उसके बाद होलिका का मंत्र जाप करते हुए पूजन करें। भक्त प्रह्लाद और भगवान विष्णु की भी पूजा करें। उसके बाद होलिका की 7 बार परिक्रमा करें और उसमें कच्चा सूत लपेट दें।

3. फिर नारियल, जल और अन्य पूजा सामग्री होलिका को अर्पित कर दें। उसके बाद होलिका दहन करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका की अग्नि में गेहूं की बालियां सेंककर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है।

होलिका दहन में क्या न करें
होलिका दहन में हरे पेड़ और पौधों का उपयोग नहीं करें। ऐसा करने से आपकी कुंडली का बुध ग्रह खराब होता है क्योंकि हरे पेड़-पौधों का स्वामी बुध माना जाता है। हरे पेड़-पौधों को जलाने से व्यक्ति को शोक और रोग दोनों ही झेलने पड़ते हैं। और हां आजकल होलिका दहन में लोग टायर और अन्य बेकार की वस्तु जलाने लगें हैं। जो कि गलत है इससे आपको पाप लगता है। इसमें उपले और हवन सामग्री व सूखी लकड़ी इत्यादि ही जलाने चाहिए। इसके अलावे होलिका दहन में सूखी लकड़ियां या झाड़ जलाने की परंपरा है। इसमें आम, वट और पीपल की लकड़ी जलाने से बचना चाहिए। इन तीनों पेड़ों की नई कोपलें फाल्गुन में ही निकलती हैं, इसलिए इनकी लकड़ियां नहीं जलाई जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories updates

धनतेरस की शाम बरतें सावधानियां नहीं तो हो सकती

Dhanteras 2025: SPOT TV DESK: हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी.

DG CISF Visits Patna to Meet Injured CISF Personnel

New Delhi: Director General CISF, Shri Praveer Ranjan , visited Patna today.

Prashant Kishore मुद्दों की राजनीति से बदलेंगे खेल, बिहार

Patna, Rajesh Kumar: बिहार की सियासत जहां अब तक जाति, धर्म और.