SPOT TV | Best News Channel

Sptlogo
March 13, 2025 12:12 am
Download
Header Banner
Search
Close this search box.
स्वाती स्पेंटोज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक द्वारा SDM राजेश अग्रवाल सम्मानित -गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और आध्यात्म का महासंगम, देश के बड़े संतों का लगेगा जमावड़ा।-गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और आध्यात्म का महासंगम, देश के बड़े संतों का लगेगा जमावड़ा।-गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और आध्यात्म का महासंगम, देश के बड़े संतों का लगेगा जमावड़ा।-गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और आध्यात्म का महासंगम, देश के बड़े संतों का लगेगा जमावड़ा।-घोसी तहसीलदार के खिलाफ वकीलों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी-ऑल इंडिया जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय सचिव बने विवेक चौहान, राष्ट्रीय सचिव बनने पर बधाईयों का लगा तांता -घोसी तहसीलदार के भ्रष्ट रवैये से अधिवक्ता आहत, तहसील में चक्कर लगा कर किया विरोध प्रदर्शन-भूमाफिया द्वारा वकील की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश, पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर रुकवाया-शांति निकेतन इंटर कॉलेज में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण

रविवार को होगा होलिका दहन, जान लें मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि।

Share This News

Holika Dahan

नई दिल्ली: ऊं होलिकाय नम:। होलिका को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, होलिका दहन की विधिवत पूजा करने से घर में नकरात्मक शक्तियां दूर होती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। होलिका ने भक्त प्रह्लाद को आग में जलाकर मारने की कोशिश की थी, लेकिन विष्णु कृपा से वह स्वयं जलकर मर गई। सनातन धर्म में होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित प्रदोष काल मुहूर्त में करने का विधान है। लेकिन जब भद्रा लगी होती है तो होलिका दहन नहीं किया जाता है।

रविवार को है होलिका दहन

हिंदू पर्व और त्योहार उदयातिथि के आधार पर मनाए जाते हैं, ये बात सही है, लेकिन यह नियम सभी पर हर वक्त समान रूप से लागू नहीं होता है। कई बार उचित तिथि में मुहूर्त के आधार पर व्रत और त्योहार की तारीख तय की जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन के लिए आवश्यक फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च रविवार को दिन में 09:23 बजे के बाद से लग रही है और 25 मार्च सोमवार को दिन में 11:31 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च को होगी, लेकिन उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 09:23 बजे के बाद खत्म हो जाएगी, ऐसे में होलिका दहन रविवार 24 मार्च को करना ही सर्वोत्तम है।

होलिका दहन 2024 मुहूर्त
24 मार्च, रविवार को रात में 10:28 बजे भद्रा खत्म हो जा रहा है, उसके बाद आप होलिका दहन कर सकते हैं। ऐसे में होलिका दहन का मुहूर्त रात 10:28 पीएम के बाद से है।

होलिका दहन के मंत्र

होलिका दहन का अनुष्ठान करते समय ये 5 मंत्र बोलना शुभ होता है।
ऊं प्रहलादाय नम:
ऊं नृसिंहाय नम:
ऊं होलिकाय नम:
अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः।अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्‌ ॥
अनेन अर्चनेन होलिकाधिष्ठातृदेवता प्रीयन्तां नमम्।

होलिका दहन की विधि
1. होलिका दहन वाले दिन शुभ मुहूर्त में होलिका के पास दक्षिण दिशा में एक कलश स्थापित कर दें। उसके बाद पंच देवताओं की पूजा करें।

2. उसके बाद होलिका का मंत्र जाप करते हुए पूजन करें। भक्त प्रह्लाद और भगवान विष्णु की भी पूजा करें। उसके बाद होलिका की 7 बार परिक्रमा करें और उसमें कच्चा सूत लपेट दें।

3. फिर नारियल, जल और अन्य पूजा सामग्री होलिका को अर्पित कर दें। उसके बाद होलिका दहन करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका की अग्नि में गेहूं की बालियां सेंककर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है।

होलिका दहन में क्या न करें
होलिका दहन में हरे पेड़ और पौधों का उपयोग नहीं करें। ऐसा करने से आपकी कुंडली का बुध ग्रह खराब होता है क्योंकि हरे पेड़-पौधों का स्वामी बुध माना जाता है। हरे पेड़-पौधों को जलाने से व्यक्ति को शोक और रोग दोनों ही झेलने पड़ते हैं। और हां आजकल होलिका दहन में लोग टायर और अन्य बेकार की वस्तु जलाने लगें हैं। जो कि गलत है इससे आपको पाप लगता है। इसमें उपले और हवन सामग्री व सूखी लकड़ी इत्यादि ही जलाने चाहिए। इसके अलावे होलिका दहन में सूखी लकड़ियां या झाड़ जलाने की परंपरा है। इसमें आम, वट और पीपल की लकड़ी जलाने से बचना चाहिए। इन तीनों पेड़ों की नई कोपलें फाल्गुन में ही निकलती हैं, इसलिए इनकी लकड़ियां नहीं जलाई जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories updates

स्वाती स्पेंटोज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक द्वारा SDM राजेश

तहसील के सैकड़ों कर्मचारियों को रोजगार दे रही है स्वाती स्पेंटोज –.

गुरुग्राम में होने जा रहा है विश्व शांति और

नई दिल्ली: प्रयागराज महाकुंभ के समापन के बाद अब आध्यात्म और शांति.

घोसी तहसीलदार के खिलाफ वकीलों का आंदोलन चौथे दिन

भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर तहसीलदार का बहिष्कार  जब तक अधिवक्ता रूठा.