
Patna, R Kumar:बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ शुक्रवार को एक नए मुकाम पर पहुंची है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1, अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ से 10 लाख लाभुक महिलाओं के बैंक खातों में 10 हजार रुपये प्रति लाभुक की दर से 1000 करोड़ रुपये की राशि का रिमोट बटन दबाकर अंतरण किया। इससे पहले 1 करोड़ 46 लाख महिलाओं को 14,600 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इस किश्त के साथ लाभार्थियों की कुल संख्या 1 करोड़ 56 लाख और कुल सहायता राशि 15,600 करोड़ रुपये हो गई है।
महिलाओं को रोजगार देने का सबसे बड़ा कार्यक्रम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई यह योजना राज्य के विकास में सबसे बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि इस सहायता राशि से लाखों महिलाओं ने अपना पसंदीदा रोजगार शुरू किया है और भविष्य में जो महिलाएं अपने कारोबार को सफलतापूर्वक चलाएंगी, उन्हें 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले महीने तक वे सभी परिवार भी इसका लाभ पाएंगे, जो अब तक छूट गए थे।
महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार का बड़ा विज़न
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि- वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं में 50% आरक्षण, 2007 में नगर निकायों में 50% आरक्षण, 2013 से पुलिस भर्ती में 35% आरक्षण, 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण। साथ ही जीविका समूहों का विस्तार अब 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां तक हो गया है। शहरी क्षेत्रों में भी 4.34 लाख महिलाएं जीविका से जुड़ीं हैं। इन सभी कदमों ने बिहार की महिलाओं में आत्मविश्वास और आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूत किया है।

लाभार्थी महिलाओं ने साझा किए अपने अनुभव
1. सुनीता देवी- पश्चिम चंपारण
10,000 रुपये मिलने के बाद सुनीता देवी ने अपने घर के पास किराना दुकान शुरू की। अब उनकी रोज़ाना बिक्री 1000 रुपये तक पहुंच रही है। वह अपनी दुकान को किराना केंद्र के रूप में विस्तार देने की तैयारी कर रही हैं।
उन्होंने 125 यूनिट फ्री बिजली, नल-जल योजना और वृद्धजन पेंशन में बढ़ोतरी को बड़ी राहत बताया।
2. फूलन कुमारी- भागलपुर
जीविका से जुड़ने के बाद जीवन में आत्मनिर्भरता आई। योजना से मिले 10,000 रुपये से उन्होंने किराना दुकान खोली, जिससे परिवार की आमदनी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अब वह अपने निर्णय खुद ले पाती हैं।
3. फूल देवी- दरभंगा
राशि मिलने के तुरंत बाद उन्होंने सिलाई मशीन खरीदकर रोजगार शुरू किया। अब वह आगे चलकर सिलाई सेंटर खोलने का सपना देख रही हैं और अन्य महिलाओं को भी रोजगार देना चाहती हैं। उन्होंने बेटी की पढ़ाई में योजनाओं की भूमिका और वृद्धजन पेंशन बढ़ने पर आभार व्यक्त किया।
सरकार के विकास मॉडल में महिलाओं की अहम भूमिका
कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री, उप मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे बिहार से लाभुक महिलाएं, जनप्रतिनिधि और जिलाधिकारी कार्यक्रम से जुड़े रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है और राज्य सरकार निरंतर सबके विकास के लिए काम करती रहेगी।
रोजगार से जोड़ने वाली देश की सबसे बड़ी योजना
‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार से जोड़ने वाली देश की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक बन चुकी है। लाखों महिलाएं रोजगार शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही हैं, जिससे परिवार और राज्य- दोनों आगे बढ़ रहे हैं।

